छात्राओं ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को सीधे भोपाल में जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद यह प्रकरण उच्च शिक्षा विभाग के प्रिंसीपल सेकेट्री के पास गया, जहां छात्राओं द्वारा की गई शिकायत की समीक्षा की गई, जिसमें जेयू प्रबंधन दोषी पाया गया।
जांच के दौरान जेयू के साथ ही देवी अहिल्या विवि इन्दौर, अवधेश प्रताप सिंह विवि रीवा, विक्रम विवि उज्जैन के कुलसचिवों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। समीक्षा रिपोर्ट में यह सच सामने आया है कि जेयू सहित अन्य विवि में योजना रामभरोसे चल रही हैं।
छात्र-छात्राओं की शिकायत के बाद भी संबंधित विवि ने कोई ध्यान नहीं दिया। मामले का रोचक पहलू यह है कि विभाग कुलसचिवों की लापरवाही पर कार्रवाई के लिए सिर्फ नोटिस जारी करता है, लेकिन आदेश को अमल में नहीं लाया जाता है।
सीएम से शिकायत, क्योंकि सुनवाई नहीं होती
मेधावी योजना में लाभ न मिलने पर छात्रा बबीता कुशवाह, अनुष्का प्रजापति, भावना सिकरवार, गरिमा सिंह भदौरिया, नाकीता शर्मा ने जेयू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सभी छात्राओं का कहना है कि कॉलेज के बाद जेयू अधिकारी भी शिकायत करने के बाद उन्हें तीन-चार महीने तक टहलाते रहे। कोई भी जिम्मेदारी के साथ उनको योजना का लाभ देने के लिए तैयार नहीं था। उन्होंने बताया कि कई छात्र हर साल अधिकारियों की लापरवाही से योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो जाते हैं।
कार्रवाई के निर्देश दिए हैं
मेधावी योजना में जिन छात्र-छात्राओं को लाभ नहीं मिला, उनकी शिकायत पर जब मामलों की जांच की गई तो कुलसचिव दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ.राकेश श्रीवास्तव, विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी, उच्चशिक्षा विभाग