ग्वालियर

विधायक और अफसर मुरार नदी पर बने होटल, स्कूल व मकान देख रह गए हैरान

वैशाली नदी के नाम से विख्यात मुरार नदी की बदहाली को देखने निकले विधायक मुन्नालाल गोयल और अधिकारी यह देख भौंचक्के रह गए कि अतिक्रमणकारियों

ग्वालियरJun 13, 2019 / 06:03 pm

रिज़वान खान

विधायक और अफसर मुरार नदी पर बने होटल, स्कूल व मकान देख रह गए हैरान

ग्वालियर. वैशाली नदी के नाम से विख्यात मुरार नदी की बदहाली को देखने निकले विधायक मुन्नालाल गोयल और अधिकारी यह देख भौंचक्के रह गए कि अतिक्रमणकारियों ने काल्पी ब्रिज पर नदी के 6 गेट बंद कर आलीशान होटल बना लिया है। नदी की जमीन पर स्कूल, खेल मैदान और मकान बने हैं। हुरावली से काल्पी ब्रिज तक लगभग 40 मकान नदी पर कब्जा कर बनाए गए हैं। नदी पार टाल के पास कलारी का बड़ा हिस्सा नदी की जमीन पर है। सेंट पॉल स्कूल की बाउंड्री भी नदी में है। नदी के किनारे कुछ पेड़ भी लोगों ने कब्जा करने के लिए जला दिए हैं। जब अवैध कब्जा करने वालों ने निर्माण की मंजूरी दिखाई तो विधायक ने आश्चर्य जताया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है, इसमें जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इन अधिकारियों को आखिर अतिक्रमण होता हुआ दिखाई क्यों नहीं दिया। उन्होंने अतिक्रमण हटाने और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने मुरार नदी पर रिंग रोड बनाने के लिए कार्य प्रारंभ करने विधायक निधि से 25 लाख रुपए भी स्वीकृत किए।
पहले प्रभावशालियों के अतिक्रमण हटाएं
सुबह 7 बजे हुरावली चौराहे से काल्पी ब्रिज तक 4 किमी तक मुरार नदी के किनारे-किनारे पैदल निरीक्षण के बाद गोयल ने कहा कि सबसे पहले प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण हटाएं जाएं। इनमें स्कूल, व नारायण होटल तथा अन्य निर्माण शामिल हैं। इसके बाद नदी के दोनों ओर रिंग रोड बनाने का काम शुरू किया जाए। इसके लिए उन्होंने 25 लाख रुपए की स्वीकृति दी। उन्होंने कहा, यदि जरूरी हुआ तो वे अपनी एक वर्ष की पूरी निधि एक करोड़ रुपए इस कार्य के लिए दे देंगे, लेकिन नदी को मरने नहीं दिया जाएगा। अगर यह नदी मरी तो मुरार क्षेत्र आने वाले समय में भारी जल संकट से गुजरेगा।
निरीक्षण में अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य, अपर आयुक्त दिनेश शुक्ला, एसडीएम पुष्पा पुषाम, उपायुक्त एपीएस भदौरिया, राजेश चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग शामिल थे। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष विनोदी जैन, पुरुषोत्तम बनवारिया, महेश कौरव आदि भी साथ थे।
यह है प्रोजेक्ट
पुराने वैभव को वापस लाकर नदी का सौंदर्यीकरण करना।
नदी में बहने वाले सीवेज के लिए 16.92 करोड़ में सीवेज ब्लॉग बनाया जाएगा, इससे 100 साल तक इस समस्या का निराकरण हो सकेगा।
नदी क्षेत्र से गंदगी हटाना व गहरीकरण, लागत 6 करोड़ 64 लाख।
नदी के दोनों किनारों पर सीमेंट कंक्रीट का स्लोप, लागत 8 करोड़ 10 लाख।
नदी के दोनों ओर रिंग रोड प्लान, अनुमानित लागत 27 करोड़
50 लाख तथा स्ट्रीट लाइट के लिए अनुमानित लागत 82 लाख।
नदी किनारे वृक्षारोपण, 2000 पेड़ लगाए जाएंगे, लागत 20 लाख।
अतिरिक्त स्थान पर पार्क का निर्माण, लागत 1 करोड़ 20 लाख।
नदी के 4 किलोमीटर क्षेत्र में चार छोटे स्टॉप डैम का निर्माण, अनुमानित लागत 1.80 करोड़।
दोनों तरफ की सडक़ों को जोडऩे के लिए 4 छोटे पुलों का निर्माण।

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