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डिस्प्ले के माध्यम से दिखाए उपग्रह के मॉडल

locationग्वालियरPublished: Oct 14, 2019 06:23:38 pm

Submitted by:

Harish kushwah

एमआइटीएस में इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के तीन दिवसीय एग्जीबिशन का शुभारंभ किया गया।

डिस्प्ले के माध्यम से दिखाए उपग्रह के मॉडल

डिस्प्ले के माध्यम से दिखाए उपग्रह के मॉडल

ग्वालियर. एमआइटीएस में इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के तीन दिवसीय एग्जीबिशन का शुभारंभ रविवार को किया गया। विजिटर्स को चन्द्रयान और मंगलयान की जानकारी दी गई तथा उनकी क्वेरीज सॉल्व की गईं। प्रदर्शनी स्थित पैनल एवं गतिशील डिस्प्ले के माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान के संबंधित विभिन्न क्षेत्रों तथा रॉकेट प्रक्षेपण वाहन उपग्रह संचार व अन्य उपग्रहों के मॉडल के बारे में बताया गया। इस अवसर पर साइंटिस्ट मैकेनिकल एक्सपर्ट
आरएम शाह, इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपर्ट सतीश राव, सेटेलाइट एक्सपर्ट डॉ. पाठक, इंजन एक्सपर्ट एनके गुप्ता मौजूद रहे। इसरो ने एग्जीबिशन कई ऐसे प्रोजेक्ट शामिल किए, जिनके बारे में युवा एकदम अनिभिज्ञ थे। साइंटिस्ट द्वारा सेटेलाइट के अंदर जियो स्टेशनरी सेटेलाइट और पौलर सेटेलाइट के बारे में भी बताया।
सेटेलाइट ऑर्बिट मॉडल

सेटेलाइट ऑर्बिट मॉडल का प्रदर्शन किया गया। यह पूरी तरह ऑटोमेटिक चलने वाला वर्किंग मॉडल है। जियोस्टेशनरी सेटेलाइट हमारी पृथ्वी पर 36000 किलोमीटर की दूरी पर है। इसका प्रयोग कम्युनिकेशन के लिए होता है। इसे पोलर सेटेलाइट वेदर फ ोरकास्टिंग के लिए यूज किया जाता है। इसकी दूरी पृथ्वी से लगभग 500 से 700 किलोमीटर होती है।
एप्पल का वर्किंग मॉडल

यह एप्पल (कम्युनिकेशन सेटेलाइट) का वर्किंग मॉडल है। टेलीकम्युनिकेशन एंड कम्युनिकेशन में इसमें सिर्फ 2 चैनल ट्रांसलेट हो पाते थे। इसमें फ्यूल टैंक एंड मोटर 2 साल बाद जब इसका फ्यूल खत्म हो गया। इसको ऑर्बिट के बाहर भेज दिया गया। यह अभी भी स्पेस में घूम रहा है। इससे एडवांस और मोडिफ ाइड सेटेलाइट बनाए गए, जो अब करीब 1500 चैनल्स ट्रांसलेट कर सकता है।
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