आरएम शाह, इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपर्ट सतीश राव, सेटेलाइट एक्सपर्ट डॉ. पाठक, इंजन एक्सपर्ट एनके गुप्ता मौजूद रहे। इसरो ने एग्जीबिशन कई ऐसे प्रोजेक्ट शामिल किए, जिनके बारे में युवा एकदम अनिभिज्ञ थे। साइंटिस्ट द्वारा सेटेलाइट के अंदर जियो स्टेशनरी सेटेलाइट और पौलर सेटेलाइट के बारे में भी बताया।
सेटेलाइट ऑर्बिट मॉडल सेटेलाइट ऑर्बिट मॉडल का प्रदर्शन किया गया। यह पूरी तरह ऑटोमेटिक चलने वाला वर्किंग मॉडल है। जियोस्टेशनरी सेटेलाइट हमारी पृथ्वी पर 36000 किलोमीटर की दूरी पर है। इसका प्रयोग कम्युनिकेशन के लिए होता है। इसे पोलर सेटेलाइट वेदर फ ोरकास्टिंग के लिए यूज किया जाता है। इसकी दूरी पृथ्वी से लगभग 500 से 700 किलोमीटर होती है।
एप्पल का वर्किंग मॉडल यह एप्पल (कम्युनिकेशन सेटेलाइट) का वर्किंग मॉडल है। टेलीकम्युनिकेशन एंड कम्युनिकेशन में इसमें सिर्फ 2 चैनल ट्रांसलेट हो पाते थे। इसमें फ्यूल टैंक एंड मोटर 2 साल बाद जब इसका फ्यूल खत्म हो गया। इसको ऑर्बिट के बाहर भेज दिया गया। यह अभी भी स्पेस में घूम रहा है। इससे एडवांस और मोडिफ ाइड सेटेलाइट बनाए गए, जो अब करीब 1500 चैनल्स ट्रांसलेट कर सकता है।