ग्वालियर

यहां मौजूद हैं 11 मुखी हनुमान जी, 450 साधू व पंंडित कर रहै हैं गीता पाठ

morena karah dham special function :यहां देश के विभिन्न शहरों से लोग मेले का आनंद उठाने आ रहे हैं। यहां मेले में सुबह से शाम तक धार्मिक कार्यक्रमों में 251 विद्धान पंडितों द्वारा भागवत पाठ किए जा रहे हैं

ग्वालियरFeb 13, 2020 / 01:50 pm

Gaurav Sen

morena karah dham special function

मुरैना. करह आश्रम पर चल रहे सियपिय मिलन के 62वें विशाल अध्यात्मिक समारोह में रोजाना हजारों लोग शामिल हो रहे हैं। यहां एक सप्ताह तक भक्तिरस की गंगा बह रही है। सुबह से देर रात तक के धार्मिंक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है। यहां देश के विभिन्न शहरों से लोग मेले का आनंद उठाने आ रहे हैं। यहां मेले में सुबह से शाम तक धार्मिक कार्यक्रमों में 251 विद्धान पंडितों द्वारा भागवत पाठ किए जा रहे हैं। वहीं गीता, रामायण, दुर्गा शतचंड़ी पाठ सहित अन्य धार्मिक आयोजन चल रहे हैं

उनमें कुल 450 पंडित व साधू विराजमान हैं। दिन में प्रवचन और वृंदावन के कलाकारों द्वारा रासलीला का आयोजन किया जाता है। जिसमें आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों लोग पहले प्रवचन सुनते हैं फिर भंडारे में प्रसादी पाकर अपने घर को लौट जाते हैं। रात को रामलीला का आयोजन किया जाता है।
दस हजार से अधिक पाते हैं प्रसादी : करह आश्रम पर चल रहे आध्यात्मिक समारोह का समापन पर 16 फरवरी को होगा। उस दिन बड़ा भंडारा होगा उसमें लाखों लोग प्रसादी ग्रहण करेंगे। लेकिन रोजाना जो भंडारा चल रहा है, उसमें
करीब दस हजार लोग प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं।

11 मुखी हनुमान बने आकर्षक का केन्द्र
करह आश्रम स्थल पर विराजमान एकादश (ग्यारह) मुखी हनुमानजी की प्रतिमा मेले में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों के बीच आकर्षण केन्द्र बनी हुई है। यहां पहुंचने वाले धर्मप्रेमी इस प्रतिमां को देखकर कहते हैं कि हनुमानजी के दर्शन तो बहुत किए लेकिन इस प्रतिमां जो तेज वह और कहीं कम ही देखने को मिलता है।

सरयू जल से सेके गए थे मालपूआ
संतों ने का मानना हैं पटिया वाले बाबा रामदास के समय एक बार करह आश्रम पर भंडारा चल रहा था घी कम पड़ गया तो महाराज ने सरयू (कुंड) से जल लेकर कढ़ाई में डाल दिया था, उस जल में मालपूआ ऐसे सेके गए बाद में उतना घी उस सरयू में डाला जितने जल उसमें से निकाला था।

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