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ग्वालियर

प्रदेश की इस सीट पर रहा है भाजपा का कब्जा,जानिए इस सीट का गणित।

प्रदेश की इस सीट पर रहा है भाजपा का कब्जा,जानिए इस सीट का गणित।

ग्वालियरApr 25, 2019 / 03:12 pm

Gaurav Sen

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प्रदेश की इस सीट पर रहा है भाजपा का कब्जा,जानिए इस सीट का गणित।

ग्वालियर। कांग्रेस के लिए मुरैना-श्योपुर सीट पर 2019 का लोकसभा चुनाव आसान नहीं है। उसका कारण है बीते 6 लोकसभा चुनावों से लगातार बीजेपी प्रत्याशी जनता की पसंद बनता चला आ रहा है। 12 मई वोटिंग होगी। इस बार मुरैना-श्योपुर की जनता का क्या मूड है देखने वाली बात होगी। कांग्रेस से इस बार रामनिवास रावत मैदान में हैं वहीं उनके सामने नरेंद्र सिंह तोमर उतरे हैं। आपको बता दें कि इस सीट पर श्योपुर का कोई नुमाइंदा आज तक सांसद नहीं बन पाया है। यही वजह है कि इस सीट पर चुने गए सभी सांसद मुरैना जिले से रहे हैं। इसी के चलते श्योपुर जिला न केवल विकास से अछूता रहा है, बल्कि सांसद निधि में भी श्योपुर के प्रति कंजूसी ही रही है। तोमर के सीट बदलने से ग्वालियर की राजनीति में भी हलचल हुई है।इस बार बीजेपी से विवेक नारायण शेजवलकर व कांग्रेस से अशोक सिंह मैदान में हैं।वर्तमान में नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

हालांकि मुरैना जिले से छह विधानसभा सीटें इस लोकसभा में आती है, लेकिन दो विधानसभा वाले जिले श्योपुर में आज भी ब्रॉडगेज सहित अन्य तमाम मुद्दे यथावत हैं। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दृष्टि से देखें तो ये सीट बीते 23 साल (वर्ष 1996 से) से ये सीट भाजपा के कब्जे में हैं। यही वजह है कि अब भाजपा जहां अपना गढ़ बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, वहीं कांग्रेस सीट को पुन: पाने के लिए कमर कस रही है। इसी के तहत इस बार दोनों ही पार्टियां टिकट के लिए काफी माथापच्ची कर रही हैं। बताया गया है कि दोनों ही दलों में लगभग दर्जन भर नाम टिकट की कतार में हैं।
ये नाम चल रहे टिकट की दौड़ में बताया गया है कि सीट पर काबिज भाजपा में ही इस बार आधा दर्जन लोग टिकट की कतार में हैं। इनमें वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा तो है ही, साथ ही केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर भी अपनी संभावना यहां तलाश रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश महामंत्री बीडी शर्मा, गजराज सिंह सिकरवार और प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के नाम भी चल रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य लोग भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।
वहीं कांग्रेस में विजयपुर के पूर्व विधायक रामनिवास रावत के साथ ही मुरैना के व्यापारी रमेश गर्ग, किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश गुर्जर, मुरैना जिलाध्यक्ष राकेश मावई, श्योपुर जिलाध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान, रविंद्र सिंह तोमर, श्योपुर के युवा नेता अतुल चौहान जैसे नाम चर्चाओं में है। बताया गया है कि दो दिन पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिल्ली में मुरैना-श्योपुर के सभी कांग्रेसी विधायकों को बुलाकर उनकी भी राय जानी है। वहीं बसपा ने रामलखन सिंह कुशवाह का नाम पहले ही तय कर दिया है।
श्योपुर-मुरैना संसदीय सीट पर निर्वाचित हुए सांसद

वर्षनिर्वाचित सांसदपार्टी
1967आतमदासनिर्दलीय
1971हुकुमचंद कछवेभारतीय जनसंघ
1977छविराम अर्गलभारतीय लोक दल
1980बाबूलाल सोलंकीकांग्रेस
1984कम्मोदी लाल जाटव कांग्रेसकांग्रेस
1989छविराम अर्गलभाजपा
1991बारेलाल जाटवकांग्रेस
1996अशोक अर्गलभाजपा
1998अशोक अर्गलभाजपा
1999अशोक अर्गलभाजपा
2004अशोक अर्गलभाजपा
2009नरेंद्र सिंह तोमरभाजपा
2014अनूप मिश्राभाजपा
प्रदेश की इस सीट पर रहा है भाजपा का कब्जा,जानिए इस सीट का गणित।

संपत्ति विरूपण के प्रभारी अधिकारी नियुक्त जिला निर्वाचन अधिकारी बसंत कुर्रे ने लोकसभा चुनाव में शासकीय व अशासकीय संपत्ति का विरुपण रोकने के लिए मप्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 5 के अंतर्गत प्रदत्त शक्त्यिों का प्रयोग करते हुए प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर कार्यक्षेत्र आवंटित कर दिया गया है। इसी के तहत तीनों नगरीय क्षेत्रों में सीएमओ और तीनों ब्लॉक में जनपद सीइओ को नियुक्त किया गया है।

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