केस-1
वीरपुर के रहवासियों ने सड़कों को सही कराने के लिए सीएम हेल्पलाइन लगाई थी।शिकायत सीमए मॉनिट में पहुंची तो सड़क बनाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने देर रात काम कराने की बात लिखकर शिकायत बंद कर दी। ग्रामीणों ने सड़़क न बनाए जाने को लेकर अब फिर से शिकायत की है।
केस-2
-क्षेत्र के रहवासी एडवोकेट ने नदी में अवैध उत्खनन होने के बाद भी कार्रवाई न करने को लेकर सीएम हेल्पलाइन लगाई है। यह शिकायत लगातार लंबित है। अधिकारी इसको लेकर प्रदेश मुख्यालय द्वारा जवाब मांगे जाने पर भी उत्तर नहीं दे रहे।
केस-3
-वीरपुर तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे को लेकर शिकायत की थी। यह शिकायत लगातार पैंडिंग है अधिकारी इस मामले में जवाब नहीं दे रहे।
यह है विभागों की स्थिति
-ग्रामीण विकास विभाग 484 शिकायतें महीने की शुरुआत में लंबित थीं। इनमें से 207 निराकृत हुई हैं और 277 लंबित हैं।
-राजस्व विभाग की 658 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 185 निराकृत हुईं और 473 लंबित हैं।
-पुलिस की 197 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 66 निराकृत हुई हैं और 131 लंबित हंै।
-नगर पालिका और अन्य निकायों की 195 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 109 निराकृत हुई हैं और 86 लंबित हैं।
-प्रधानमंत्री आवास योजना की 142 शिकायतें लंबित थीं।इनमें से 68 निराकृत हुई हैं और 74 लंबित हैं।
-मनरेगा की 100 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 37 निराकृत हुई हैं और 63 लंबित हैं।
-स्कूल शिक्षा की 138 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 55 निराकृत हुई हैं और 59 लंबित हैं।
-बिजली की 292 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 235 निराकृत हुई हैं और 57 लंबित हैं।
-प्रसूति सहायता की 91 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 44 निराकृत हुई हैं और 47 लंबित हैं।
-स्वच्छ भारत मिशन की 69 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 26 निराकृत हुई हैं और 43 लंबित हैं।
-पीएचई की 142 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 98 निराकृत हुई और 44 लंबित हैं।
-खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति की 101 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 67 निराकृत हुई और 26 लंबित हैं।
-सामान्य प्रशासन विभाग की 35 शिकायतें लंबित थीं। इनमें से 9 निराकृत हुईं और 26 लंबित हैं।
जुर्माने के बाद भी नहीं असर
आम जन की शिकायतों को संतुष्टि पूर्वक निराकरण को लेकर लगातार निर्देश दिए जाने के बाद भी लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को दंडित करने की कार्रवाई भी की जा रही है। दो दिन पहले ही 24 अधिकारियों के वेतन से 100-100 रुपए काटे गए हैं। इसके बाद भी शिकायतों का निराकरण करने को लेकर को उदासीनता जारी है।