scriptमां ने एसपी से कहा- मेरा लाल छीनने वालों को छोडऩा नहीं, जानिए क्या है मामला | mother told sp - do not give up those who took my son, know what is th | Patrika News
ग्वालियर

मां ने एसपी से कहा- मेरा लाल छीनने वालों को छोडऩा नहीं, जानिए क्या है मामला

उन्होंने एसपी नवनीत भसीन से कहा कि लापरवाह लोगों ने मेरे बेटे को मुझसे छीन लिया है, उन्हें छोडऩा नहीं, उन पर एफआइआर कर दें। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा

ग्वालियरFeb 13, 2019 / 01:43 am

Rahul rai

mother told sp

मां ने एसपी से कहा- मेरा लाल छीनने वालों को छोडऩा नहीं, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर। लधेड़ी हजीरा स्थित मछली मंडी में अमृत योजना के तहत पाइप लाइन डालने के लिए खोदे गए गड्ढे के कारण हुई संदीप शाक्य की मौत के चार दिन बाद मंगलवार को उसकी मां सुशीला और परिवार के लोग न्याय के लिए एसपी से मिलने पहुंचे। उन्होंने एसपी नवनीत भसीन से कहा कि लापरवाह लोगों ने मेरे बेटे को मुझसे छीन लिया है, उन्हें छोडऩा नहीं, उन पर एफआइआर कर दें। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
चार शहर का नाका (हजीरा) निवासी संदीप की 7 फरवरी को घायल होने के बाद 8 फरवरी को सुबह मौत हो गई थी। इस मामले में प्रशासन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। प्रशासन का कोई अधिकारी चार दिन तक उनके घर सांत्वना देने भी नहीं पहुंचा। संदीप के परिजन घटना के बाद से ही कह रहे हैं कि मौत के जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं, जिन्होंने गड्ढे को खुला छोड़ दिया। उसके आसपास सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए। सोमवार को खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह उनके घर पहुंचे तो उन्हें भी इस बारे में बताया।
मंगलवार को संदीप की मां सुशीला और परिवार के अन्य सदस्य सहित करीब 60 लोगों की भीड़ के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसपी को बाहर आते ही घेर लिया। मां सुशीला बोलीं कि अब तक मेरे बेटे की मौत के जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, मैं आपसे न्याय मांगने आई हूं। दोषियों को सबक जरूर मिले, ताकि फिर किसी का बेटा उनसे न छिन पाए। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की मौत नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और कंपनी के ठेकेदार, क्षेत्रीय पार्षद दयाराम पाल की लापरवाही से हुई है, इसलिए इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।
थाने में कहा-इंचार्ज नहीं है, वो आएं तब आना
एसपी को आवेदन देने से पहले परिजन ग्वालियर थाने पहुंचे। उन्होंने एफआइआर के लिए शिकायती आवेदन दिया तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी बोले कि अभी थाना प्रभारी नहीं हैं, वह आ जाएं तब आना। परिजन बोले कि कोई इंचार्ज तो होगा, उन्हें जवाब मिला कि इंचार्ज भी नहीं है। बड़ी मशक्कत के बाद उनका आवेदन लिया गया।
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