चार शहर का नाका (हजीरा) निवासी संदीप की 7 फरवरी को घायल होने के बाद 8 फरवरी को सुबह मौत हो गई थी। इस मामले में प्रशासन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। प्रशासन का कोई अधिकारी चार दिन तक उनके घर सांत्वना देने भी नहीं पहुंचा। संदीप के परिजन घटना के बाद से ही कह रहे हैं कि मौत के जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं, जिन्होंने गड्ढे को खुला छोड़ दिया। उसके आसपास सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए। सोमवार को खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह उनके घर पहुंचे तो उन्हें भी इस बारे में बताया।
मंगलवार को संदीप की मां सुशीला और परिवार के अन्य सदस्य सहित करीब 60 लोगों की भीड़ के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसपी को बाहर आते ही घेर लिया। मां सुशीला बोलीं कि अब तक मेरे बेटे की मौत के जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, मैं आपसे न्याय मांगने आई हूं। दोषियों को सबक जरूर मिले, ताकि फिर किसी का बेटा उनसे न छिन पाए। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की मौत नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और कंपनी के ठेकेदार, क्षेत्रीय पार्षद दयाराम पाल की लापरवाही से हुई है, इसलिए इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।
थाने में कहा-इंचार्ज नहीं है, वो आएं तब आना
एसपी को आवेदन देने से पहले परिजन ग्वालियर थाने पहुंचे। उन्होंने एफआइआर के लिए शिकायती आवेदन दिया तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी बोले कि अभी थाना प्रभारी नहीं हैं, वह आ जाएं तब आना। परिजन बोले कि कोई इंचार्ज तो होगा, उन्हें जवाब मिला कि इंचार्ज भी नहीं है। बड़ी मशक्कत के बाद उनका आवेदन लिया गया।