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MP में यहां खुलेआम होती है नकल,अपनाई जाती है ऐसी ट्रिक,जिसे सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग

locationग्वालियरPublished: Mar 01, 2018 03:27:54 pm

Submitted by:

monu sahu

माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की गुरुवार से परीक्षाएं शुरू हो गई है। लेकिन प्रदेश के कुछ जिले ऐसे भी है जहां खुलेआम नकल की जाती थी

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ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की गुरुवार से परीक्षाएं शुरू हो गई है। लेकिन प्रदेश के कुछ जिले ऐसे भी है जहां खुलेआम नकल की जाती थी। इतना ही नहीं यहां पर कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने से पहले से एक बार जरूर सोचता है। क्योकि यदि किसी भी छात्र को नकल करते पकड़े जाने पर वह उस अधिकारी पर कार्रवाई करता है। इतना ही नहीं यहां पर नकल करने के लिए ऐसी ट्रिक छात्र-छात्राएं अपनाती थी जिसको पकड़ा उन शिक्षकों को इतना आसान नहीं था। इसको लेकर अब प्रशासन और सख्त हो गया है और नकल रोकने के लिए इस बार इतने कठोर नियम बनाए है कि नकल करने से पहले स्टूडेंट को हर तरह की चेङ्क्षकग से गुजरना पड़ेगा।
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की गुरुवार से होने वाली परीक्षाओं को नकलमुक्त बनाने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए है। ग्रामीण क्षेत्र के २६ परीक्षा केंद्रों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। इन केंद्रों पर हथियारबंद पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। परीक्षा पर सतत निगरानी रखने के लिए सभी अनुविभागीय अधिकारियों तथा तहसीलदारोंं को सेक्टर मजिस्टे्रट के रूप में तैनात किया गया है। कलेक्टर डा.इलैया राजाटी तथा पुलिस प्रशंात खरे भी भ्रमण कर नजर रखेंगे।
पहले दिन हायर सेकंडरी हिंदी विषय की परीक्षा सभी ७२ केंद्रों पर होगी। इस परीक्षा में १७८६५ परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा के दौरान केंद्रों पर सीएस के अलावा विभिन्न विभागों के राजपत्रित अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। पर्यवेक्षकों को केंद्र का प्रबंधन देखना होगा। सुबह ९ बजे से शुरू होने जा रही परीक्षा से ३० मिनट पूर्व ८.३० बजे परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। ८.४५ बजे विशेष परिस्थितियों में सीएस को प्रवेश देने की अनुमति रहेंगी। लेकिन इसके बाद किसी भी सूरत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षा में इलेक्ट्रोनिक डिवाईस लेकर जाने की अनुमति नहींं होगी।
शूज केंद्र के बाहर ही उतारने होगे। केंद्र के बाहर तलाशी लेने के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जाएगा। नकल सामने आने पर कक्ष में ड्यूटी देने वाले शिक्षक को जिम्मेदार माना जाएगा। सभी कक्षों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है। केंद्र के आसपास २०० मीटर के दायरें में धारा १४४ लागू रहेगी। उक्त दूरी का कलई से डिमार्केशन करा दिया गया है। इसके अलावा रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज भी सभी केंद्रों पर अधिकारियों ने जायजा लेकर रिपोर्ट दी है।
२०१६ की अपेक्षा घटे ८७८६ छात्र
वर्ष २०१६ की हायरसेकंडरी की परीक्षा में २६६५१ परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जबकि वर्ष २०१८ की परीक्षा में १७८६५ परीक्षार्थी शामिल होंने जा रहे हैं। २०१६ की तुलना में इस वर्ष ८७८६ परीक्षार्थी घट गए हैं। अधिकारियोंं को मानना है कि ये वही छात्र है जो नकल का सहारा लेकर भिण्ड के स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए आते थे। नकल पर रोक लगने से छात्र दूसरे जिलों में पलायन करने लगे हैं।
फैक्ट फाइल
बोर्डकी परीक्षामें बैठने जा रहे छात्रों की संख्या- ४५५९०
-हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की संख्या – २७७२५
-हायर सेकंडरी के परीक्षार्थियों की संख्या- १७८६५
-परीक्षा केंद्र की संख्या- ७२
-अतिसवेंदनशील केद्रों की संख्या – ४६
-वर्ष २०१६ में बनाए गए नकल प्रकरण- १३६९
-वर्ष २०१७ में बनाए गए नकल प्रकरण- २११
दिनभर चली कें द्रों को फर्नीचर उपलब्ध कराने की कवायद
जिला प्रशासन ने सभी परीक्षा केंद्रों पर फर्नीचर उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। लेकि न ८० फीसदी से अधिक केंद्र बनाए गए शासकीय स्कूलों में पर्याप्त फर्नीचर न होने की रिपोर्ट आने के बाद निजी स्कूल संचालकों को फर्नीचर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। मगर शुरूआत में संचालक कन्नी काटते रहे लेकिन प्रशासन की सख्ती के बाद वे फर्नीचर उपलब्ध कराने को बमुश्किल राजी हुए। बुधवार को दिनभर टै्रक्टरों तथा लोडिंग वाहनोंं से फर्नीचर पहुंचाने की कवायद चलती रही।
“बोर्ड परीक्षाओं का संचालन चुनाव की तरह किया जा रहा है। अतिसंवेदनशील कें द्रों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। एसडीएम को सेक्टर मजिस्टे्रट बनाया गया है। सभी केंद्रों पर फर्नीचर की व्यवस्था कर दी गई है।”
एसएन तिवारी डीईओ एवं परीक्षा प्रभारी
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