बुधवार करीब एक बजकर 30 मिनट पर पत्रिका की टीम हजीरा स्थित पटेल स्कूल पहुंची। यहां प्राइमरी और मिडिल के स्कूल संचालित मिले। हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल के लेक्चरार ऑफिस के बाहर बैठकर धूप में हाथ पैर सेंकते हुए मेला में दी जाने वाली वाहनों की छूट पर चर्चा में मशगूल थे। इसके बाद जब क्लास में जाकर देखा तो वे खाली थी। एक महिला टीचर धूप में बैठकर सिर टेबल पर रखे हुए आराम कर रही थी। इसके बाद जब महिला शिक्षक से छात्रों के बारे में पूछताछ की गई तो उनका जवाब था कि 26 जनवरी की तैयारी चल रही है। खेलकूद कराकर छात्रों को घर भेज दिया जाता है।
सरकार से हक मांगने के लिए रहते हैं आगे
स्कूल के अंदर धूप सेंककर टाइम पास करने वाले शिक्षक और लेक्चरार हमेशा सरकार से वेतनभत्ता, अवकाश या फिर अन्य सुविधा को लेकर आगे रहते हैं। वे धरना-प्रदर्शन करके अपनी मांग को मनवाने के लिए दबाव बनाते हैं, लेकिन कर्तव्य को पूरा करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि स्कूल में पढऩे वाले छात्रों का स्तर कमजोर है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हो रही है।
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बोर्ड परीक्षा की तैयार पर फोकस नहीं
जैसे-जैसे दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा की तारीख नजदीक आती जा रही है। वैसे-वैसे छात्रों को परीक्षा की तैयारी को लेकर मानसिक दबाव बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति में कमजोर छात्रों के लिए रिमिडियल क्लास लगाकर पढ़ाने के निर्देश जारी किए गए। इसके बाद भी ये शिक्षक, छात्रों को पढ़ाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
मैं अवकाश पर हूं। स्कूल में क्या चल रहा है, इस बात की जानकारी मुझे नहीं है।
सुरेशचंद्र गुप्ता, प्राचार्य, शासकीय पटेल हायर सेकंडरी स्कूल
इस मामले की मैं पड़ताल कराकर उचित कार्रवाई करूंगी।
ममता चतुर्वेदी, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी