scriptmp election 2018 : जन घोषणा पत्र में जनता ने प्रमुख मुद्दों पर रखी अपनी राय,See video | MP Election 2018: Madhya Pradesh Assembly Election | Patrika News

mp election 2018 : जन घोषणा पत्र में जनता ने प्रमुख मुद्दों पर रखी अपनी राय,See video

locationग्वालियरPublished: Sep 20, 2018 05:12:33 pm

Submitted by:

monu sahu

mp election 2018 : जन घोषणा पत्र में जनता ने प्रमुख मुद्दों पर रखी अपनी राय,See video

mp election 2018

mp election 2018 : जन घोषणा पत्र में जनता ने प्रमुख मुद्दों पर रखी अपनी राय

ग्वालियर। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र क्षेत्रफल की दृष्टि से ग्वालियर की चार विधानसभाओं सबसे बड़ा है। इस क्षेत्र में कई गांव आते हैं और हर गांव की सबसे बड़ी समस्या है सार्वजनिक यातायात। गांवों में अधिकांश लोग एेसे रहते हैं जिनके पास शहर में आने के लिए अपने कोई साधन नहीं है,जो प्रायवेट बसें चलती हैं वे मनमानी करती हैं। एेसे लोग बड़ी मुश्किल से शहर में आ पाते हैं। अब वक्त आ गया है इन गांवों को शहर से जोडऩे के लिए सरकारी बस सेवा प्रारंभ की जाए।
“चुनाव में घोषणा पत्र जारी करने वाले दलों द्वारा सरकार में आने पर घोषणाओं पर अमल नहीं करने की स्थिति में उनके दल की मान्यता समाप्त करने वाला कानून बनना चाहिए। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए मध्यान्ह भोजन व्यवस्था खत्म कर देना चाहिए। यह व्यवस्था केवल भ्रष्टाचार का माध्यम बन गई है। विधायक निधि का सही उपयोग हो इसके लिए पंचायत स्तर पर समिति बनाई जाए जो कि निधि का उपयेाग कहां होगा यह तय कर सकेगी। इससे चहेतों पर निधि खर्च करने का चलन रुकेगा।”
पूरन सिंह राणा, एडवोकेट
“ग्रामीण में सबसे खस्ता हाल शिक्षा और चिकित्सा का है। इसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। स्नातकोत्तर के बाद भी युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए उनकी क्या योजना है उसका खुलासा घोषणा पत्र में करें।”
मृदुल मौर्य,छात्र
“ग्रामीण क्षेत्र में जहां लोग रोजगार के मामले में कृषि पर ही आधारित है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए योजनाएं घोषणा पत्र में शामिल होना चाहिए। इससे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को गांवों में ही रेाजगार मिल सकेगा।”
दीपेश नामदेव, छात्र

“ग्रामीण क्षेत्र में लोग सबसे ज्यादा पीने के पानी के संकट से जूझते रहते हैं। गर्मी में जब जल स्त्रोत सूख जाते हैं तब यह समस्या कठिन हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मिले इसके लिए राजनीतिक दलों को अपने घोषणा पत्र में योजनाएं बताना होंगी।”
कन्हेर सिंह गुर्जर, नैनागढ़
“गांवों में लोग पानी के संकट के साथ ही बिजली के संकट से भी जूझ रहे हैं। गांवों में बिजली कंपनी डीपी ही नहीं लगाती है। इस कारण गांवों में बिजली का संकट बना रहता है। बिजली संकट दूर करने का मुद्दा विभिन्न दलों के घोषणा पत्रों में प्रमुखता से आना चाहिए।”
राजेश सिंह किरार, जिगसौली
“गांवों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं देता है। किसानों और ग्रामीणों को सिर्फ भ्रमित किया जाता है। हम जनप्रतिनिधि को अपनी समस्या बताते हैं लेकिन कोई नहीं सुनता है। इसलिए समस्याओं के निरागरण की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।”
रामवीर सिंह गुर्जर, पूर्व जनपद सदस्य

“गोमाता के नाम पर लोगों को बरगलाने से कुछ नहीं होगा। अधिकांश गांवों में कृषक और लोगों का पशुपालन से ही गुजारा हो रहा है लेकिन इन गांवों में पशुओं के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशुओं के प्राथमिक उपचार केन्द्र बनना चाहिए। सडक़ों पर पशु मारे जा रहे हैं, इनकी व्यवस्था होनी चाहिए।”
वीरेन्द्र सिंह ग्राम पिपरौली
“ग्रामीण क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था न होने से परेशान है। प्रत्येक राजनीतिक दल को पूर्व की तरह परिवहन व्यवस्था करना चाहिए। यह दुखद है कि प्रदेश में व्यवस्था सुधारने की बजाय इसे बंद कर दिया गया। साडा क्षेत्र के विकास को लेकर भी घोषणा होनी चाहिए।”
सुरेन्द्र सिंह, ग्वालियर ग्रामीण
“ग्रामीण क्षेत्र में विकास को लेकर विकास कैसा हो यह तय करने का अधिकार क्षेत्र के लोगों को होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में पानी सबसे बड़ा मुद्दा है, इसलिए घोषणा पत्र में यह मुद्दा प्रमुखता से आना चाहिए।”
लोकेन्द्र सिंह यादव, जिला महामंत्री
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो