अधिग्रहित की गई बसों से मतदान दलों की रवानगी २७ नवंबर को होगी, जो मतदान के समापन के पश्चात २८ नवंबर की देर रात तक भिण्ड वापस आएंगी। इससे आमजनों को २७ व २८ नवंबर को भी यात्रा करने में असुविधा होगी। भिण्ड बस स्टैंड से प्रतिदिन विभिन्न शहरों के लिए लगभग २५० से ज्यादा निजी यात्री बसें संचालित होती हैं। सबसे ज्यादा बस भिण्ड से ग्वालियर रूट पर चलती हैं जो हर १० मिटि के अंतराल पर यात्रियों को उपलब्ध होती हैं।
चंबल संभाग के भिण्ड-इटावा, भिण्ड-उरई, भिण्ड-मुरैना, भिण्ड-मौ, भिण्ड-मिहोना-लहार, भिण्ड-दबेाह आलमपुर के अलावा भिण्ड से अहमदाबाद, भिण्ड से दिल्ली, भिण्ड से सूरत, भिण्ड से इंदौर आदि महानगरों के लिए भी निजी यात्री बसों की उपलब्धता है, पर सारी बसों के चुनाव में अधिग्रहित हो जाने से इन सारे रूटों पर फिलहाल यात्रा की सुविधा बंद हो गई है। बस ऑपरेटर यूनियन की मानें तो भिण्ड बस स्टैंड से रोज लगभग ४००० से ज्यादा यात्री अन्य सुदूरवर्ती नगर कस्बों के लिए यात्रा करते हैं। जिले में ग्वालियर सहित अन्य नगरों के लिए रेल यात्री परिवहन की सुविधाएं पर्याप्त न होने के कारण लोग यात्री परिवहन सुविधा पर ही निर्भर हैं।
1800 से अधिक वाहन चुनाव में
चुनाव केे लिए जिला प्रशासन ने गुजरे एक हफ्ते में जिले में लगभग १८०० से अधिक वाहनों का अधिग्रहण किया है। इनमें सवारी यात्री जीपों की संख्या सर्वाधिक ८७० है। ३५० से ज्यादा बसें व २७० मिनी बसें पकड़ी गई हैं। इसके अलावा चुनाव सामग्री ढोने के लिए २४५ टै्रक्टर एवं ७० से ज्यादा ट्रक भी अधिग्रहीत किए गए हैं।
चुनाव केे लिए जिला प्रशासन ने गुजरे एक हफ्ते में जिले में लगभग १८०० से अधिक वाहनों का अधिग्रहण किया है। इनमें सवारी यात्री जीपों की संख्या सर्वाधिक ८७० है। ३५० से ज्यादा बसें व २७० मिनी बसें पकड़ी गई हैं। इसके अलावा चुनाव सामग्री ढोने के लिए २४५ टै्रक्टर एवं ७० से ज्यादा ट्रक भी अधिग्रहीत किए गए हैं।
इस तरह ३७० बसें, २७१ मिनी बसें ८७० जीपें ७२ ट्रक एवं २४५ टै्रक्टर चुनाव में लगे हैं। निजी स्कूलों की बसों को भी चुनाव में उपयोग के लिए ले लिया गया है। स्कूलों में इस वजह से अवकाश की स्थिति बन गई है। यात्री बसों को मतदान दलों को ढोने के लिए तथा जीप आदि छोटे यात्री वाहनों को सेक्टर पुलिस मोबाइल टीमों आदि के भ्रमण के लिए लगाया गया है।