दो दिन से नहीं हो रही समर्थन मूल्य पर खरीद, किसान परेशान
mp government samarthan mulay for wheat crop : किसानों को लदान के नाम पर वापस किया जा रहा है। सहकारिता, प्रशासन और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अधिकारी यह सब जानकर भी अनदेखा कर रहे हैं

ग्वालियर....
बीस दिन पहले शुरू हुई समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए लगाए गए सरकारी खरीद केन्द्रों पर किसानों से हो रही खरीद में लगातार गड़बड़ झाला हो रहा है। कलेक्टर द्वारा कराई गई कार्रवाई के बाद अब केन्द्रों पर तैनात सहकारिता विभाग के कर्मचारियों ने कांटों पर अघोषित रूप से गेहूं की खरीद बंद कर दी है। किसानों को लदान के नाम पर वापस किया जा रहा है। सहकारिता, प्रशासन और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अधिकारी यह सब जानकर भी अनदेखा कर रहे हैं। कंटेनमेंट जोन के तुलाई केन्द्र सिमरिया ताल और भितरवार ब्लॉक के आंतरी तहसील में खुले खरीद केन्द्र शनिवार से बंद हैं, सोमवार को भी यह केन्द्र बंद रहे हैं। गोहिंदा, बागबई और चिरौली सोसायटी पर धोखाधड़ी में एफआईआर होने के बाद भी इन खरीद केन्द्रों पर किसानों को गुमराह किया जा रहा है।
दरअसल, जिले के सभी किसानों को लॉक डाउन में मंडी बंद होने के कारण फसल बिक्री के लिए समर्थन मूल्य पर ही विक्रय के लिए कहा गया था। खरीद के लिए जिले में 67 केन्द्र बनाए गए थे। खरीद का पूरा काम सहकारिता विभाग के अंतर्गत काम कर रहीं साख सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें लगभग हर सोसायटी पर किसानों से प्रति क्विंटल 400 ग्राम से ढाई किलो तक गेहूं की चपत लगाई जा रही है। स्थिति यह है कि किसान अगर धर्मकांटे पर तौल करवाकर ले जाए तो 200 क्विंटल की ट्रॉली में 10 क्विंटल गेहूं कम निकल रहा है। बीते दिन जब यह गड़बड़ हुई तो किसान ने धर्मकांटे की रसीद दिखाई, इसके बाद कर्मचारियों ने कम तौले गेहूं की तौल को सही कर दिया।
बिना सील लगी दे रहे रसीद
किसानों को खरीद केन्द्रों पर बिना साइन या सील लगी रसीद दी जा रही है। इससे अगर किसान ठगा जाए तो वह क्लेम भी नहीं कर पाएगा। किसानों के पूछने पर कहा जा रहा है कि सील और साइन से क्या होगा। फसल का पैसा तो खाते में ही आएगा। किसान इस धोखाधड़ी से बचने के लिए अगर निचले स्तर पर तैनात अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं तो अधिकारी भी टालमटोल कर रहे हैं या फिर किसान को समझाकर शांत कर देते हैं।
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