इस तरह की पुलिस ने कार्रवाई
बता दें कि, मुखबिर की सूचना पर पुलिस को पता चला कि, अलमक्की पिछले करीब 10 दिनों से हैदराबाद में अपने दोस्त के यहां छुपा हुआ है। पुलिस ने मामले को तुरंत गंभीरता से लेते हुए उसकी तफितीश शुरु की जैसे ही मुखबिर की बात स्पष्ट हुई तो ग्वालियर पुलिस ने तुरंत हैदराबाद के सायबराबाद कमिश्नर से संपर्क करके मामले की जानकारी दी। कमिश्नर की सहमति के बाद पुलिस संदिग्ध के छुपे होने वाले इलाके के थाना क्षेत्र पहुंची जहां से एक कांस्टेबल को साथ लेकर अलमक्की के दोस्त के घर पर छापा मारी की, जहां पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया। इसके बाद पुलिस आरोपी को लेकर राजेन्द्र नगर थाने पहुंची जहां, उसकी कंप्लेंट कंफर्म करके उसे जिला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से मिले ट्रांजिट वारंट के तहत पुलिस आरोपी को लेकर ग्वालियर ले आई।
पहले भी ऐसा करते पकड़ाया था घुसपैठिया
दरअसल, साल 2014 के सितंबर महीने में पुलिस को सूचना मिली कि, स्टेशन बजरिया इलाके में एक आदमी बांग्लादेश के पासपोर्ट से भारत में इस्तेमाल होने वाली सिम खरीद रहा है। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि उस विदेशी नागरिक का नाम अहमद अलमक्की है। पुलिस छानबीन में उसके पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट और सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। पुलिस ने उसपर पासपोर्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज करके कोर्ट में पेश किया, जहां से 37 महीने की सजा के बाद साल 2017 में 23 अक्टूबर को उसे रिहा किया गया, साथ ही कोर्ट ने पुलिस को यह आदेश भी दिए कि, बरी किए जा रहे व्यक्ति को सीमित समय में उसके देश लौटाने का इंतजाम करेंं। लेकिन मौका पाकर आरोपी पुलिस पकड़ से भाग निकला। पुलिस आरोपी की तलाश में पिछले आठ महीने से अपने नेटवर्क को सक्रीय किए हुई थी, जिसके बाद अब जाकर पुलिस को उसे दबोचने में कामयाबी मिली। हालांकि, पुलिस पूछताछ में उसका नेटवर्क हैदराबाद में होने की भी बात सामने आई है।