सुबह 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इससे 80 हजार घरों की बिजली आपूर्ति चार घंटे तक ठप रही। शहर में 50 से अधिक पेड़ धराशायी हो गए। कटोराताल पर पेड़ के गिरने से एक वैन उसके नीचे दब गई। होर्डिंग, बैनर, लोहे की जालियां, प्लास्टिक के डिवाइडर सड़कों पर बिखर गए। हवा की गति इतनी अधिक थी कि लोग हिल गए। आंधी के कारण टूटे पेड़, होर्डिंग, बिजली के तारों से जगह-जगह जाम की स्थिति रही और शहर की रफ्तार थम गई। यह सीजन की सबसे तेज आंधी रही है। कटोरा ताल, माधव नगर, तानसेन रोड, गुड़ागुड़ी का नाका, कांच मील, मेला ग्राउंड, नदी गेट, मुरार, थाटीपुर सहित अन्य जगहों पर पेड़ टूट गए। खुले मैदान में ज्यादा पेड़ टूटे हैं, क्योंकि यहां पर हवा की गति अधिक रही।
फिर हो सकती है तेज बारिश
मौसम विभाग का कहना है कि ग्वालियर चंबल संभाग में तीन दिनों तक आंधी, बारिश व ओलावृष्टि के आसार हैं। नया पश्चिमी विक्षोभ 29 मई को सक्रिय हो रहा है। फिर से मौसम में बदलाव आएगा। अभी उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान में ऊपरी हवा का चक्रवात है। यहां से एक ट्रफ लाइन उत्तरी मप्र तक आ रही है। इससे बादल, बारिश की स्थिति है। दो दिन मौसम ऐसा ही रह सकता है। 31 मई के आसपास फिर मौसम बदल सकता है। प्रदेश में पहले से चक्रवात और दो ट्रफ लाइनें गुजर रही हैं। इस कारण नमी है और दोपहर बाद प्रदेश के कई जिलों में बारिश और तेज हवा चल रही है। रविवार से नया सिस्टम एक्टिव होने से कई जिलों में बारिश होने का अनुमान है।
इन जिलों में बारिश होने का अनुमान
भोपाल, नर्मदापुरम, चंबल, ग्वालियर, सागर और शहडोल संभाग के साथ ही बुरहानपुर, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, रीवा, सतना, मंडला, बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में बारिश होने का अनुमान है। इसके अलावा सागर संभाग में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की संभावना भी है। चंबल, ग्वालियर और शहडोल संभाग के साथ कई जिलों में तेज हवा चल सकती है।