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बिल्डरों को मत सौंपो, 1500 करोड़ रुपए की 30 हैक्टेयर भूमि में खुद बनाई जाए स्मार्ट सिटी

locationग्वालियरPublished: Oct 12, 2019 02:30:30 pm

Submitted by:

Dharmendra Trivedi

-विधायक ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को पत्र लिखकर किया पुर्नघनत्वीकरण योजना का विरोध

ग्वालियर। थाटीपुर के जिस 30 हैक्टेयर (125 बीघा) क्षेत्र में पुर्नघत्वीकरण योजना प्रस्तावित है, उसको बिल्डरों को सौंपने की तैयारी की जा रही है, अगर यह हुआ तो शहर के विकास के साथ धोखा होगा। इस क्षेत्र में आवासीय और कमॢशयल क्षेत्र विकसित करने के लिये हाउसिंग बोर्ड द्वारा बिल्डरों को अपरोक्ष रूप से बेचने की तैयारी की जा रही है। जमीन एक बार बिल्डरों के पास चली गई तो यहां के दशकों के पुराने पेड़ों को खतरा पैदा हो जाएगा।

विधायक मुन्नालाल गोयल ने वर्तमान थाटीपुर पुर्नघत्वीकरण योजना का विरोध करते हुये इसको नये सिरे से तैयार करने की मांग की है। विधायक ने प्रशासनिक अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुये इस संबंध में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया को भी अवगत कराया है। विधायक ने सुझाव दिया है कि पुर्नघनत्वीकरण योजना के वर्तमान प्रारूप की बजाय इस क्षेत्र में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत बड़े व्यापारिक केन्द्र के रूप में विकास किया जाए।


चांदनी चौक की तरह हो निर्माण
विधायक का कहना है कि थाटीपुर के प्रस्तावित क्षेत्र का पुराना स्वरूप बरकरार रखने के साथ ही नये और आधुनिक निर्माण होने चाहिये, ताकि लोगों की सदियों से जुड़ी भावनाएं आहत न हों और काम भी बेहतर तरीके से हो जाए। क्षेत्रीय विकास के लिये दिल्ली के पालिका बाजार और चांदनी चौक की तर्ज पर यहां काम होने चाहिये। इससे शहर के व्यापार को नई दिशा मिलेगी और महाराजबाड़े पर बढ़ रहे दबाव को भी कम किया जा सकेगा।


यह होंगे फायदे
-नया व्यावसायिक हब विकसित होने पर शहर के सभी व्यवसाइयों को जगह की कमी से नहंी जूझना पड़ेगा।
-दूसरे शहर या प्रांतों से आने वाले व्यापारियों को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट से आसान यातायात सुविधा मिलेगी।
-आम जन को शॉपिंग के लिये खुला क्षेत्र मिल सकेगा। पार्र्किंग भी बेहतर हो सकेगी। इसके साथ ही छोटे-छोटे पार्क विकसित करके पर्यावरण सुधार के प्रति भी सकारात्मक कदम उठाया जा सकेगा।
-कमर्शियल सैक्टर विकसित होने के बाद जो खाली जगह बचेगी, वहां एम्यूजमेंट पार्क विकसित करके आम शहरियों को आकर्षित किया जा सकेगा।
-वर्तमान में जो रिहायशी क्षेत्र है, उस क्षेत्र को रिहायश के लिये ही विकसित किया जाए ताकि बसाहट भी बेहतर तरीके से बनी रहे।
-थाटीपुर का दशहरा मैदान रियासतकाल से प्रसिद्ध रहा है, इस मैदान से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं, बिल्डरों को जगह सौंप दी तो वे सिर्फ अपना फायदा देखेंगे, आम जनता की भावनाओं से उनको कोई मतलब नहीं होगा।

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