scriptमुरार का सरगना लेता था पैरा मिलेट्री फोर्स में भर्ती का ठेका, यूपी से आते फिंगर प्रिंट | Murar's donor was in contract for recruitment in the Para Military For | Patrika News

मुरार का सरगना लेता था पैरा मिलेट्री फोर्स में भर्ती का ठेका, यूपी से आते फिंगर प्रिंट

locationग्वालियरPublished: Mar 10, 2019 01:14:55 am

साल्वर हरिओम निवासी अंबाह और एजेंट अमन सिकरवार निवासी बागचीनी मुरैना ने पूछताछ में ऐसे तमाम खुलासे किए

Para Military Force

Para Military Force

ग्वालियर। फर्जी फिंगर प्रिंट के जरिए पैरा मिलेट्री फोर्स की सिपाही भर्ती परीक्षा पास कराने केा ठेका का लिंक फिरोजाबाद तक पहुंच गया है। इसमें लोकल सरगना पारसेन का किसान कालीचरण शर्मा है। जो खेती बाडी छोडकऱ करीब 20 साल से सैन्य सुरक्षा बल और पैरा मिलेट्री फोर्स में भर्ती के ठेके लेता रहा है। उसका काम ऐसे परीक्षार्थी इक्टठे करना है जो पैसा देकर परीक्षा पास करने की जुगाड ढूंढते हैं। उनके साल्वर के लिए फिंगर प्रिंट डीकोड करने का काम फिरोजाबाद में गिरोह का दूसरा पार्ट करता है। दो दिन पहले बीवीएम कॉलेज, बिजौली में पैरा मिलेट्री की सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जी फिंगर प्रिंट के बूते पर परीक्षा देते पकडे गए साल्वर हरिओम निवासी अंबाह और एजेंट अमन सिकरवार निवासी बागचीनी मुरैना ने पूछताछ में ऐसे तमाम खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक केसी उर्फ कालीचरण शर्मा सिंहपुर रोड पर रहता है। उसने दिखावे के लिए एसटीडी पीसीओ खोल रखा है। लेकिन उसकी शोहरत सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ में ठेके पर नौकरी लगवाने की है। इस धंधे में कालीचरण ने काफी पैसा कमाया है। फर्जीवाड़े से दो मकान खरीदे हैं। करीब दो-तीन साल पहले इसी तरह के फर्जीवाड़े में यूपी पुलिस ने भी उसकी तलाश में दविश दी थी। लेकिन कालीचरण अंडरग्राउंड हो गया था। दो दिन पहले पकड़ा गया एजेंट अमन सिकरवार खुलासा कर रहा है कि कालीचरण परीक्षार्थी इक्टठे करता है, जबकि उसका काम साल्वर तलाशना है। दिमनी निवासी धर्मेन्द्र ने भी पैरा मिलेट्री फोर्स मे ंसिपाही बनने के लिए कालीचरण को ठेका दिया था। उससे टोकन मनी लेने के बाद फिरोजाबाद से धर्मेन्द्र के फिंगर प्रिंट बनवाए थे। धर्मेन्द्र से करीब पांच लाख में डील तय हुई थी। शुरु में धर्मेन्द्र से टोकन मनी लेकर तय हुआ था कि बाकी पैसा परीक्षा पास करने पर देगा। दो दिन पहले सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जीवाडा बीवीएम कॉलेज, बिजौली में पकड़ा गया। यहां गुरुवार को परीक्षा का सेंटर था। इसमें धर्मेंद्र निवासी दिमनी, मुरैना की जगह बरबाई, अंबाह का रहने वाला हरिओम परीक्षा देने आया था। ऑनलाइन परीक्षा एसएससी के जरिए आयोजित थी।हरिओम परीक्षा केन्द्र में धर्मेन्द्र की सीट पर पहुंच गया था। एक्जाम शुरु होने से पहले परीक्षा केन्द्र पर मौजूद स्टाफ ने परीक्षार्थियों की तलाशी ली तो उसमें हरिओम के अंगूठे पर धर्मेन्द्र के फर्जी फिंगर प्रिंट झिल्ली की तरह पतली परत चिपकी दिखी,उसे कुरेदा तो परत छूट गई। एएसपी क्राइम पंकज पांडेय ने बताया कि पकडे गए आरोपी अमन और हरिओम से कुछ क्लू मिले हैं। उनके आधार पर गैंग के बाकी लोगों को तलाशा जा रहा है।

खुल सकती पुरानी फर्जी भर्तियां


पुलिस के मुताबिक कालीचरण इस धंधे का पुराना खिलाडी है, उससे पैरा मिलेट्री फोर्स में फर्जी तरीके से भर्ती के कई मामले खुल सकते हैं। दलाल अमन से गिरोह की लिंक फिरोजाबाद में होने का पता चलने पर क्राइम ब्रांच की टीम फिरोजाबाद रवाना की गई है। उधर सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच ने कालीचरण के अलावा उन आवेदकों को भी उठा लिया है जिनके नाम के फिंगर प्रिंट अमन और हरिओम से बरामद हुए थे। इन्हें इंट्रोगेट किया जा रहा है। फर्जीवाड़े के ठेकेदार कालीचरण ने आगरा और फिरोजाबद में गैंग मेंबर्स के कुछ ठिकाने बताए हैं। पुलिस की टीम उन्हें दबोचने के लिए कालीचरण को साथ लेकर गई है।

पांच हजार में फिंगर प्रिंट


एजेंट अमन सिंह सिकरवार ने पुलिस को बताया है कि ठेके पर परीक्षा पास कराने की डील तय होने के बाद आवेदक को फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। उन्हें ठिकाने पर भेजकर साल्वर के लिए आवेदक के फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार होता है। इन्हें बनाने वाला एक प्रिंट के एवज में पांच हजार रुपया वसूलता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो