गोविंदपुरी निवासी अशोक कुमार कुलश्रेष्ठ नगर निगम से रिटायर इंजीनियर हैं, उनकी पत्नी भी सिंचाई विभाग में इंजीनियर के पद से सेवानिवृत हैं। कुलश्रेष्ठ ने पुलिस को बताया, मेरे बेटे सौरभ ने भोपाल में कोचिंग खोली थी। इसलिए धीरसिंह यादव, उसके भाई रघुवीर और दलवीर से करीब 30 लाख रुपया उधार लिया था। धीर सिंह पुराना परिचित है। उनके यहां ड्राइवर रह चुका है।
कर्जा लेते समय ब्याज की दर, पैसा लौटाने की समय सीमा सहित सब कुछ तय हुआ था। गारंटी बतौर साहूकारों ने 6-7 चैक भी लिए थे। कुछ समय तो ठीक ठाक चला , फिर साहूकारों ने कर्जा की वसूली के लिए दबाव डाला। अभी तक करीब एक करोड़ से ज्यादा की रकम वसूल चुके हैं। उसके बाद भी ब्याज पर ब्याज लगाकर कर्जा बकाया बता रहे हैं। कुलश्रेष्ठ का आरोप है कि रकम वसूली के लिए साहूकार कई बार उनके घर आकर धमकी दे चुके हैं। अगर पैसा नहीं चुकाया तो उनकी पोती को अगवा कर तेजाब फेंक देंगे।
चेंक बाउंस, कोर्ट से शिकायत
पुलिस के मुताबिक कुलश्रेष्ठ ने जिन लोगों पर आरोप लगाया है वह उनके पुराने परिचित रहे हैं। उनकी दलील है कि सौरभ की कोचिंग खुलने के कुछ दिन बाद ही ठप हो गई थी। उसे चलाने के लिए कई बार और रकम उधार दी थी। उधारी की रकम करीब 50 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है। कुलश्रेष्ठ ने जो चेक दिए थे वह भी बाउंस हो गए। कोर्ट में उसकी शिकायत भी कर चुके हैं।
तीनों पर साहूकारी एक्ट के तहत केस
बिना साहूकारी लाइसेंस के ब्याज पर कर्जा मुहैया नहीं कर सकते थे, इसलिए तीनों पर केस दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है। दोनों पक्षों से पूछताछ में स्थिति स्पष्ट होगी।
वायएस तोमर, विश्वविद्यालय टीआइ