बिगड़ेंगे हालात
निगम ने अपने इस प्लान से शहर के आसपास से नहीं वरन शहर की जमीन में मौजूद पानी की बंूद-बूंद को निचोड़ा जाएगा। एेसे हालात में शहर की तीनों विधानसभा क्षेत्रों व नगरीय सीमा में शामिल दूसरे नए वार्डों गहरे बोर किए जाएंगे। इस प्लान से जिले में आसपास घूम रहे हजारों पशु और पक्षियों का क्या होगा। अब शहर के लोगों को ही सोचना होगा वह आने वाले संकट को देखते हुए कम पानी में अपनी जरूरतों को पूरा करें नहीं तो उनकी जरूरत बेजुबान गाय एवं पशु पक्षियों पर भी भारी पडऩे वाली है।
150 से 600 फीट पर भी पानी नहीं
शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पानी के लिए बोरिंग की गई तो 150 से 600 फीट खोदने पर भी पानी नहीं निकला। ऐेसे में अगर निगम अपना यह प्लान लागू करती है तो भविष्य में पानी की और किल्लत होगी।
हरियाली पर संकट और प्रदूषण भी बढ़ेगा
शहर में जल संकट से निपटने आसपास के बांधों से पानी लाने पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं और करोड़ों रुपए से जमीन को खाली करने पर खर्च करने की तैयारी हो रही है। लेकिन अफसरों ने समय रहते पानी बचाने और जमीन के अंदर का वॉटर लेवल रीचार्ज करने पर ज्यादा जोर नहीं दिया। जिसके चलते शहर के कई एरिया में वॉटर लेवल तेजी से गिर रहा है। अगर बरसात नहीं हुई और प्लान ‘बीÓ शुरू हुआ तो शहर की हरियाली पर सबसे पहले खतरा आएगा। प्रदूषण का
स्तर बढ़ जाएगा जो शहर के लोगों के लिए बहुत खतरनाक स्थिति होगी।