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अमृत योजना में सदन में पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पांच सदसीय कमेटी का गठन

locationग्वालियरPublished: May 19, 2023 11:05:52 pm

Submitted by:

monu sahu

परिषद में अमृत योजना सीवर-पेयजल पर दोनों दलों के पार्षदों ने मचाया हंगामा

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अमृत योजना में सदन में पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पांच सदसीय कमेटी का गठन,अमृत योजना में सदन में पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पांच सदसीय कमेटी का गठन,अमृत योजना में सदन में पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पांच सदसीय कमेटी का गठन

ग्वालियर। अमृत योजना के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार अधिकारियों ने किया है, प्रदेशभर में ग्वालियर बदनाम हो गया है। क्योकि जहां लाइन डाली जानी थी, वहां डाली नहीं और जहां डाली है वहां आज तक पानी पहुंचा ही नहीं व सीवर सडक़ पर फैल रहा है। यह आरोप निगम अधिकारियों पर शुक्रवार को जलविहार स्थित परिषद में सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने लगाए। इस दौरान बिना नाम लिए केंद्रीय मंत्री सिंधिया-तोमर व ऊर्जा मंत्री पर भी कटाक्ष किए, जिसको लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ और दोनों ही दलों के पार्षद तीन बार सभापति की आसंदी के पास भी पहुंचे।
वहीं विरोध बढ़ता देख एक बार दो मिनट के लिए परिषद को स्थगित किया गया। हालांकि तीन घंटे के विरोध-हंगामे के बाद सभापति ने अमृत योजना के अंतर्गत सीवर व पेयजल से संबंधित बिंदुओं की जांच के लिए पांच सदसीय कमेटी का गठन करने के लिए कहा गया। इसके लिए निगम परिषद अध्यक्ष को अधीकृत किया गया। वहीं 24 मई दोपहर तीन बजे तक के लिए परिषद को स्थगित किया गया।
जमीन पर बैठे गुर्जर, सभापति ने दिए जांच के निर्देश
उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह के विधायक प्रतिनिधि गिर्राज सिंह गुर्जर ने कहा एलईडी में भ्रष्टाचार हो रहा है। बीते दिनों जैन कॉलेज के सामने एलईडी लाइट पकड़ी है, इसलिए जिम्मेदार पर एफआईआर कराई जाए। जिस पर सभापति ने कहा इस पर निर्णय हो चुका है आप बैठ जाए। इसके बाद वह आसंदी के सामने ही दो पार्षर्दों के साथ जमीन पर जाकर बैठ गए। भाजपा पार्षदों का हंगामा देख सभापति ने आयुक्त से कहा इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई करें।
यह बोले पार्षद
अर्पणा पाटिल-अधिकारी नौ महीने से अमृत-अमृत व लेटर-लेटर खेल रहे हैं। पॉश इलाके में सडक़ पर सीवर का पानी बह रहा और लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है।

रेखा त्रिपाठी- वार्ड में कोई भी कार्य नहीं हो रहे हैं यदि कार्य नहीं हुए तो मैं धरने पर बैठ जाऊंगी। अमृत में करोड़ों का घोटाला हुआ है।
जीतेंद्र मुदगल-वार्ड में पानी की लाइन डाल दी पर लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। अमृत के नाम पर जनता-पार्षदों को झुनझुना पकड़ा दिया गया है। अधिकारी मस्त है।

नागेंद्र राणा-अमृत रूपी जल अधिकारियों ने पी लिया और जनता विष पी रही है। अमृत योजना है फिर बोरिंग, बोरवेल व टैंकर क्यो चला रहे हैं।
रवि तोमर-वार्ड में पानी की लाइन डाली पर आज तक चालू नहीं हुई। केंद्रीय मंत्री सिंधिया से अग्रह के बाद भी कोई सुनवाई नहीं, सडक़ पर सीवर फैल रहा है।

देवेंद्र राठौर-अमृत योजना में घटिया पाइप डाले गए हैं। 1 किमी की लाइन में 15 से 20 लीकेज हो रहे हैं। माहापौर अपने पार्षदों के वार्ड का ही निरीक्षण कर रही है।
ब्रजेश श्रीवास-अमृत योजना के ठेकेदार पर पैनल्टी क्यो नहीं लगाई जा रही है। योजना में प्रदेशभर में शहर बदनाम है,क्योकि लाइन डाली है पर पानी नहीं।

अनिल संखाला-यह परिषद आपकी बापौती है क्या। हेमसिंह की परेड पर किसने रोक लगाई इसकी जांच की जाए।

केंद्रीय मंत्री-ऊर्जा मंत्री पर लगे आरोप,इस्तीफा की धमकी
पार्षद मनोज ने कहा यह बात सही है कि अमृत योजना में भ्रष्टाचार हुआ है, इसमें केंद्रीय मंत्री भी शमिल है। यह सुनते ही भाजपा पार्षदों ने हंगामा खड़ा कर दिया, समझाइश के बाद शांत हुए। वही पीपी शर्मा ने ऊर्जा मंत्री का नाम लिए बिना भ्रष्टाचार का आरोप लगाया,जिस पर विपक्ष पार्षदों ने हंगामा करते हुए आसंदी के पास पहुंच गए। सभापति ने दो मिनट के लिए सदन को स्थगित कर दिया। इसके बाद हरीपाल ने कहा आप सबूत दें मैं इस्तीफा दे दूंगा।
भाजपा पार्षदों को दी चेतावनी,अब आपको समय नहीं
सभापति ने बार-बार टोकने पर मोहित जाट,अनिल संखाला,ब्रजेश श्रीवास,जीतेंद्र मुदगल को चेतावनी देते हुए कहा आपको दो घंटे से अधिक समय दिया जा चुका है,अब सत्ता पक्ष को बोलने दें। इसके बाद हरीपाल ने सभापति के सामने हाथ जोड़े। सभापति बोले अब आपको समय नहीं देंगे।
भाजपा 57 साल सरकार में फिर भी शहर पीछे क्यो
अवधेश कौरव एमआईसी सदस्य-6 बजे तक आप ही बुलते रहेंगे क्या। 57 साल सरकार में फिर भी सीवर, पानी व सडक़ की समस्या। केंद्रीय मंत्री,ऊर्जा मंत्री व जिनको बैठक लेने का अधिकार नहीं वह भी बैठक ले रहे हैं। अमृत की जांच सीबीआई,लोकायुक्त,सीआईडी से कराई जाए।
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