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स्मार्ट सिटी : बात मेक इन इंडिया और स्टार्टअप को मौका देने की और सामान खरीद रहे विदेशों से

locationग्वालियरPublished: Sep 24, 2017 09:57:24 am

Submitted by:

Gaurav Sen

शहर में बनाए जा रहे पार्कों में करीब 52 लाख रुपए से अधिक की विद्युत सामग्री विदेशी कंपनियां इटली, तुर्की और जर्मन कंपनियों से खरीदी जा रही हैं एेसे हा

gwalior nagar bigam
ग्वालियर। देश में मेक इन इंडिया और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के उलट स्मार्ट सिटी में इसका कोई रोल दिखाई नहीं दे रहा है। शहर में बनाए जा रहे पार्कों में करीब 52 लाख रुपए से अधिक की विद्युत सामग्री विदेशी कंपनियां इटली, तुर्की और जर्मन कंपनियों से खरीदी जा रही हैं एेसे हालात में शहर, प्रदेश और देश में काम कर रहे लोगों को स्मार्ट सिटी में शामिल होने का रास्ता ही बंद कर दिया गया है। जिससे शहर को स्मार्ट बनाए जाने की योजना पर सवाल खड़े हो रहे हें।
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उदाहरण-1 शहर में 2000 एलईडी लाइटें बाहरी कंपनी ने लगाईं, इनमें से कई खराब हैं जिसे सुधारने कंपनी कर्मचारी कई माह बाद आते हैं। निगम के पास एक्सपर्ट नहीं होने से यह कंडम होने की कगार पर हैं।
अब कंपनी की गारंटी अवधि भी खत्म होने को है और निगम के पास इसके एक्सपर्ट नहीं हैं। एेसे हालात में हजारों लाइटें

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उदाहरण-२ महाराज बाड़ा और बारादरी फूलबाग पर भी स्पेशल विद्युत लाइट और पोल लगवाए गए। अब निगम के पास इनके एक्सपर्ट भी नहीं हैं। एेसे हालात में यह शोपीस बनकर रह गए हैं।

इस प्रकार समझें
13.45 लाख की लाइट के लिए- मेक केरीबोनी इटली व हेपर तुर्की, रोसा पोलेंड
2.80 लाख की लागत वाले विद्युत पोल के लिए-मेक लिटोलक्स
2.40 लाख की लागत की लाइट- मेक लेक लेयोन जर्मनी, इम्फा तुर्की
2.28 लाख की लागत से कंट्रोल पैनल के लिए -मेक लेक लेयोन
1.27 लाख की लागत से कंट्रोल पैनल के लिए -मेक निकोलेऊडी, लेयोन
नोट- इसी प्रकार विद्युत के अन्य प्रकार के आयटमों में बाहरी कंपनियों के नाम दर्शाए हैं।
इनका कहना
भाजपा केवल स्वदेशी की बातें करती है, इनकी कथनी करनी में अंतर है। लाइटें निगम के सुपुर्द होंगी तब इनका संधारण कैसे होगा समझ सकते हैं। क्या इटली व पोलेंड से ठेकेदार सही करने आएंगे।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष ननि

टेंडर में विदेशी कंपनियों के नाम हैं इसकी जानकारी नहीं है। मामले को एमआईसी में रखेंगे ताकि स्वदेशी का बढ़ावा दे सकें।
धर्मेंद्र राणा, जनकार्य प्रभारी ननि

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