शताब्दीपुरम के फेस-3 के एफ ब्लॉक में बिना अनुमति बनाए जा रहे भवनों को ढहाने के लिए नगर निगम और जीडीए अधिकारियों की टीम मंगलवार को भी गई थी, इस दौरान उन्हें भवन स्वामियों के विरोध का सामना करना पड़ा था। लोगों ने पथराव कर अधिकारियों की गाडिय़ों के कांच तोड़ दिए और सभी को भागने पर मजबूर कर दिया था, इसलिए गुरुवार को नगर निगम और जीडीए अधिकारी पहले थाने पहुंचे, फिर पुलिस बल एवं एसडीएम पुष्मा पुषाम के साथ मौके पर पहुंचे। मदाखलत अमले ने सभी मकानों को गिरा दिया। कार्रवाई के दौरान नगर निगम सिटी प्लानर जेएस जादौन और जीडीए कार्यपालन यंत्री सुभाष सक्सेना में बहस हो गई। दरअसल, सिटी प्लानर जादौन का कहना था कि जीडीए ने जो पत्र दिया था उसके अनुसार ही नगर निगम ने कार्रवाई की, तभी सक्सेना कहने लगे कि जीडीए ने तो सिर्फ पत्र लिखकर कहा था कि यह लोग बिना अनुमति के भवन निर्माण कर रहे हैं, इन पर निगम को जो कार्रवाई करनी हो करे, हमने कोई कार्रवाई के लिए नहीं कहा था, इस पर वहां खड़ीं एसडीएम पुष्पा पुषाम भडक़ गईं और दोनों को फटकार लगाते हुए शांत रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह ऑफिस की चर्चा है, इसे यहां क्यों कर रहे हो। कार्रवाई के दौरान मदाखलत नोडल अधिकारी सतपाल सिंह चौहान, मदाखलत अधिकारी महेन्द्र शर्मा, क्षेत्रीय भवन अधिकारी सुरेन्द्र यादव, भवन निरीक्षक अजय शर्मा आदि मौजूद रहे।
जीडीए के पत्र के अलावा भी तोड़े मकान
शताब्दीपुरम के फेस-3 एफ सेक्टर में जीडीए ने जिन मकानों की सूची निगम को सौंपी थी, निगम ने उसके अलावा भी मकानों की दीवारें तोड़ दीं। इस पर उन घरों के लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने विरोध किया और भवन की अनुमति के लिए आवेदन देने की बात कही, जिसके बाद टीम वापस लौट आई।