इसके बाद 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। पहले मुख्य मार्गों को फिर आंतरिक इलाकों में गाजर-घास के खात्मे के लिए काम होगा।
ग्वालियर। अब शहर में गाजर-घास दिखना बीते समय की बात हो जाएगी! दरअसल, शहर को गाजर-घास मुक्त सिटी बनाने के लिए नगर निगम ने युद्धस्तर पर कार्रवाई करने की प्लानिंग की है। इसके तहत वार्ड स्तर पर गाजर-घास के खात्मे के लिए उपकरणों की तैयारी शनिवार को पूरी कर ली गई, जिसमें हर वार्ड के लिए एक मशीन को लगाया जाएगा। इसके बाद 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। पहले मुख्य मार्गों को फिर आंतरिक इलाकों में गाजर-घास के खात्मे के लिए काम होगा।
भारत स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के क्रम में महापौर विवेक शेजवलकर ने शनिवार को बाल भवन में उक्त सभी मशीनों को वार्ड स्तर पर तैनात करने के लिए नगर निगम को सौंप दिया है। इस दौरान एमआईसी सदस्य धर्मेंद्र राणा, उपायुक्त एपीएस भदौरिया, वर्कशॉप प्रभारी प्रदीप वर्मा और पार्क के नोडल अधिकारी मुकेश बंसल मौजूद रहे।
हर वार्ड के लिए लाई गईं मशीनें: कोर्ट का आदेश
गाजर-घास को शहर से समाप्त करने के लिए हाईकोर्ट भी आदेश दे चुका है। इसके तहत कलेक्टर को शहर से गाजर-घास हटाने के आदेश दिए गए थे। इस आदेश को भी करीब एक साल से अधिक का समय बीत चुका है।
ऐसे होगी कार्रवाई
- मुख्य मार्ग: शहर के सभी मुख्य मार्गों को पहले चरण में गाजर-घास से मुक्त कराने के लिए काम होगा।
- मुख्य पार्क: शहर के मुख्य पार्क और उनके आस-पास के क्षेत्र को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
- मुख्य मैदान: शहर के मुख्य मैदान, खुले एरिया, प्लॉट एरिया, कॉलोनी के क्षेत्रों में अभियान चलेगा।
- शेष बचे हुए एरिया: इसके बाद शेष एरिया, जो भी गाजर-घास की कार्रवाई से बचे हैं, जैसे शासकीय दफ्तर के परिसर, शहर के आस-पास के एरिया। ताकि भविष्य में यहां गाजर-घास पैदा न हो।
खतरनाक है गाजर घास
गाजरघास दिखने में एक साधारण का पौधा है लेकिन यह शहर के लिए उतना ही खतरनाक है जितना कि वाहनों और कारखानों से निकलने वाला काला धुआं। लेकिन कभी इसके गंभीर परिणामों को आंका नहीं गया। आज शहर में हर चौथा व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की एलर्जी से परेशान हैं। दरअसल गाजर घास के कण हवा के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हें।
कर रहे हैं प्लानिंग
गाजर-घास से शहर को मुक्त कराने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है। अगले एक माह में पूरे शहर को गाजर-घास से मुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाएंगे।
मुकेश बंसल, नोडल अधिकारी पार्क, नगर निगम
नहीं होगी कमी
गाजर-घास से निपटारे के लिए मशीनों की कमी अब निगम को नहीं होगी। हर वार्ड के लिए एक मशीन मुहैया कराई जा रही है।
प्रदीप वर्मा, वर्कशॉप प्रभारी, नगर निगम