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परिवार के लिए दो वक्त की रोटी कमाता था, अब कैसे भरूंगा उनका पेट

locationग्वालियरPublished: Oct 20, 2019 03:01:52 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

nagar parishad pichhore remove encroachment from roads: दो वक्त की रोटी उनके परिवार को कैसे मिल पाएगी। एक तरफ जहां उनका रोजगार चला गया, वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज कराए जाने से कोर्र्ट कचहरी का खर्चा भी कैसे निकल पाएगा?

nagar parishad pichhore remove encroachment from roads

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पिछोर/शिवपुरी. जिले के पिछोर कस्बे में शनिवार की दोपहर चली अतिक्रमण हटाने की मुहिम ने एक-दो नहीं बल्कि एक साथ 80 परिवारों के सामने रोजी रोटी का बड़ा संकट खड़ा कर दिया। तहसीलदार ने अपने साथ हुई मारपीट के बदला लेने के लिए जब जेसीबी मंगवाकर दुकानों को तोडऩा शुरू किया तो दुकानदारों सहित उनके परिवार के सदस्यों की आंखों में आंसू छलक आए। क्योंकि अभी तक तो वे दीपावली त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि आखिर दो वक्त की रोटी उनके परिवार को कैसे मिल पाएगी। एक तरफ जहां उनका रोजगार चला गया, वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज कराए जाने से कोर्र्ट कचहरी का खर्चा भी कैसे निकल पाएगा? यह चिंता भी उन्हें सताने लगी है।

गौरतलब है कि पिछोर तहसीलदार दीपक शुक्ला शनिवार की सुबह अपने आवास के पास अतिक्रमण में रखी एक दुकान को हटवाने के लिए चौकीदार व बंगले के एक कर्मचारी को लेकर पहुंचे। इस बीच दूसरे दुकानदार भी आ गए और उनकी तहसीलदार से कहासुनी हो गई। चूंकि तहसीलदार अपने लाव-लश्कर के साथ नहीं थे, इसलिए दुकानदार उन्हें पहचान नहीं पाए। यही वजह है कि एक-दो दुकानदारों के साथ हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि हाथापाई भी हो गई। इसके बाद तहसीलदार ने नगर के विभिन्न रास्तों के किनारों पर रखीं अस्थाई 80 दुकानों को जेसीबी से तुड़वा दिया। इस दौरान उनके साथ नगर पंचायत का अमला सहित पुलिस भी मौजूद रही। दुकानें तोडऩे के बाद पिछोर थाने में जो एफआईआर तहसीलदार ने अपने साथ मारपीट की दर्ज कराई, उसमें यह उल्लेख किया है कि जब हम अतिक्रमण हटाने के लिए नायब तहसीलदार, नगर पंचायत सीएमओ सहित पटवारी की टीम लेकर पहुंचे तो दुकानदारों ने हमला कर दिया। बड़ा सवाल यह है कि इस हमले में दुकानदारों ने सिर्फ तहसीलदार व उनके बंगले के कर्मचारियों को ही पीटा, तो क्या शेष अधिकारी वहां उन्हें अकेला छोड़कर भाग गए थे?।

इनके खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर
पिछोर तहसीलदार दीपक शुक्ला पुत्र बाबूलाल शुक्ला ने पुलिस थाना पिछोर में रिपोर्ट लिखाई है कि मेरे भवन की दीवार पर अतिक्रमण कर दुकान सजाई जा रही थी। जब मैं अपने अधीनस्थ अमले के साथ उसे हटवाने गया तो दुकानदारों ने लाठियों से हमला कर दिया। जिसमें मुझे व मेरे चौकीदार सहित एक अन्य कर्मचारी को चोट आई हैं। तहसीलदार की रिपोर्टपर पुलिस ने दुकानदार पवन सेन, वीरेंद्र जोगी, बृजेश जोगी, सतेंद्र बुंदेला, उपेंद्र चौहान, अशोक जोगी, टिल्लू जोगी, सोंटी, बल्लू, नरेश, कालूराम सेन, लक्ष्मण सेन, पुरुषोत्तम जोगी, राजकुमार, लखन, वृंदावन जोगी की पत्नी व अन्य करीब 15 महिलाएं व 25 पुरुष के खिलाफ मारपीट सहित शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज कर लिया।

हमारी मनिहारी की दुकान थी, जिसमें 50 हजार का माल रखा था। न कोई सूचना दी और न ही सामान निकालने की मोहलत दी। हमारी स्टॉल तोड़ दी।
रमा गुप्ता, दुकानदार

हमारे तीन बच्चे हैं, जिनका भरण पोषण चूड़ी व मनिहारी की दुकान से ही हो रहा था। एक दुकानदार से झगड़ा हुआ और सभी का रोजगार छीन लिया। अब त्योहार मनाना तो दूर घर का गुजारा मुश्किल होगा।
सावित्री बाई, दुकानदार

हमारी मनिहारी की दुकान है, जिसका सामान भी नहीं निकालने दिया। कोई नोटिस नहीं दिया गया, मेरी दुकान बंद थी और मैं घर पर पुताई कर रहा था। हमारा एक लाख का नुकसान कर दिया।
पुरूषोत्तम योगी, दुकानदार

परिवार के लिए दो वक्त की रोटी कमा रहे थे, जिसे इस कार्रवाई ने छीन लिया। कोई नोटिस नहीं दिया और न ही चूड़ी व मनिहारी की दुकान का सामान उठाने का मौका दिया।
हरीश कुमार योगी, दुकानदार

हमारी दुकान तो 25 साल से है। दुकान के आगे किसी दूसरे का अतिक्रमण था, जिसके फेर में हमारा नुकसान कर गए। दुकान के आगे जो सामान रखा था वह भी हटा दिया।
दीपक त्रिपाठी, दुकानदार

हमारा एक नया टैंकर व कुल 5 टैंकर तोड़ दिए। नोटिस नहीं दिया। दुकान के आगे व नाली के ऊपर सामान रखा था। सब तोड़ दिया और दो लाख का नुकसान कर दिया।
भगवानदास ओझा, दुकानदार

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