कॅरियर की असीम संभावनाएं
वेबिनार का टॉपिक स्कोप इन आर्किटेक्चर एंड हाउ आर्किटेक्चर इज डिफरेंट था। इस दौरान उन्होने कहा कि इस सब्जेक्ट में खुद को बयां करने की स्वतंत्रता मिलती है। पोटेंशियल बाहर निकालने का मौका मिलता है। इस कोर्स को करने के बाद इतना क्रिएटिव बन जाते हैं कि कोई भी काम कर सकते हैं। कई स्टूडेंट्स तो सेशन ब्रेक में ही जॉब करने लगते है। खासकर प्राइवेट संस्थानों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स की ग्रूमिंग बेहतर तरीके से होती है और उन्हें अपाच्र्युनिटीज भी बहुत मिलती हैं। यह सब्जेक्ट अथाह संभावनाएं देता है। आप अपनी फर्म शुरू कर सकते हैं, प्रोडक्ट डिजाइनर बन सकते है, रियल इस्टेट से जुड़ सकते हैं। इस मौके पर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की डीन प्रो रेबेका जादौन, आर्किटेक्ट सर्वेश कुलकर्णी, आर्किटेक्ट अमनदीप कौर सहित अन्य फैकल्टीज व स्टूडेंट्स मौजूद रहे।
वेबिनार का टॉपिक स्कोप इन आर्किटेक्चर एंड हाउ आर्किटेक्चर इज डिफरेंट था। इस दौरान उन्होने कहा कि इस सब्जेक्ट में खुद को बयां करने की स्वतंत्रता मिलती है। पोटेंशियल बाहर निकालने का मौका मिलता है। इस कोर्स को करने के बाद इतना क्रिएटिव बन जाते हैं कि कोई भी काम कर सकते हैं। कई स्टूडेंट्स तो सेशन ब्रेक में ही जॉब करने लगते है। खासकर प्राइवेट संस्थानों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स की ग्रूमिंग बेहतर तरीके से होती है और उन्हें अपाच्र्युनिटीज भी बहुत मिलती हैं। यह सब्जेक्ट अथाह संभावनाएं देता है। आप अपनी फर्म शुरू कर सकते हैं, प्रोडक्ट डिजाइनर बन सकते है, रियल इस्टेट से जुड़ सकते हैं। इस मौके पर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की डीन प्रो रेबेका जादौन, आर्किटेक्ट सर्वेश कुलकर्णी, आर्किटेक्ट अमनदीप कौर सहित अन्य फैकल्टीज व स्टूडेंट्स मौजूद रहे।
कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में बढ़ रही प्रोफेशनल्स की डिमांड
आर्किटेक्चर फील्ड में स्टूडेंट्स अपना सब्जेक्ट ‘प्लानिंग’ भी चुन सकते हैं। इसके बाद वे एन्वॉयर्नमेंटल प्लानिंग, अर्बन एंड रीजनल प्लानिंग, हाउसिंग, ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग आदि में कॅरियर बना सकते हैं। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल डिजाइन में भी प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ रही है। एक्सपट्र्स के अनुसार इसमें कम्पलीट प्रोफेशनल डिग्री लेना ही सही है। इससे आप न केवल ज्यादा स्पेशलाइज होंगे बल्कि अपाच्र्युनिटीज भी आपको ज्यादा मिलेंगी। आजकल नए डिजाइन की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बन रही हैं। इन्हें डिजाइन करने में आर्किटेक्ट की रोल महत्वपूर्ण होता है। भविष्य में और भी विस्तार की संभावना है। ऐसी उंची बिल्डिंग का डिजाइन एक आर्किटेक्चर इंजिनियर ही बना सकता है। इसलिए आर्किटेक्चर इंजिनियर की मांग भी बढ़ेगी।
आर्किटेक्चर फील्ड में स्टूडेंट्स अपना सब्जेक्ट ‘प्लानिंग’ भी चुन सकते हैं। इसके बाद वे एन्वॉयर्नमेंटल प्लानिंग, अर्बन एंड रीजनल प्लानिंग, हाउसिंग, ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग आदि में कॅरियर बना सकते हैं। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल डिजाइन में भी प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ रही है। एक्सपट्र्स के अनुसार इसमें कम्पलीट प्रोफेशनल डिग्री लेना ही सही है। इससे आप न केवल ज्यादा स्पेशलाइज होंगे बल्कि अपाच्र्युनिटीज भी आपको ज्यादा मिलेंगी। आजकल नए डिजाइन की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बन रही हैं। इन्हें डिजाइन करने में आर्किटेक्ट की रोल महत्वपूर्ण होता है। भविष्य में और भी विस्तार की संभावना है। ऐसी उंची बिल्डिंग का डिजाइन एक आर्किटेक्चर इंजिनियर ही बना सकता है। इसलिए आर्किटेक्चर इंजिनियर की मांग भी बढ़ेगी।