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नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाला की...

locationग्वालियरPublished: May 12, 2023 10:43:25 pm

Submitted by:

Narendra Kuiya

- कालीमाता मंदिर गोल पहाडिय़ा पर भागवत कथा का चतुर्थ दिवस

नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाला की...
नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाला की...
ग्वालियर. जय कालीमाता सेवा मंडल की ओर से कालीमाता मंदिर गोल पहाडिय़ा पर की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस राम जन्म और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा में भक्तों ने खूब आनंद लिया। बालकृष्ण के जन्म लेते ही कथा पांडाल में उल्लास छा गया। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...भजन पर श्रद्धालु श्रोताओं ने जमकर नृत्य किया। कथा व्यास साध्वी शिव भारती ने इस मौके पर कहा कि भगवान जब भी अवतार लेते हैं, हर बार उनके अवतरण का खास प्रयोजन होता है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के लिए कथा पांडाल को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था। बालक कृष्ण के लिए झूला लगाया गया था। जैसे ही व्यास पीठ से श्रीकृष्ण जन्म की घोषणा हुई तो भक्त मन ही मन झूम उठे। इससे पूर्व श्रद्धालु श्रोताओं को कथा प्रसाद का वितरण करते हुए साध्वी शिव भारती ने कहा कि जीवन मेें एक पल का भरोसा नहीं है कि अगले पल हम जीवित रहेंगे अथवा नहीं, इसलिए हर क्षण भगवान का सुमिरन करते रहें। उन्होंने बताया कि धन की तीन गति है दान, भोग और नाश। दान, धन की सर्वश्रेष्ठ गति है। जो भी हम कमाएं उसमें से कुछ दान अवश्य करें और शेष धन को अपने परिवार के भरण पोषण के लिए लगाएं, लेकिन यदि हम ऐसा न करके धन का संग्रह करते हैं तो धन अंतिम गति नाश को प्राप्त हो जाता है। भगवान राम के जन्म की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि कहते हैं कि भगवान राम का जन्म खीर से हुआ, यदि ऐसा होता तो हर घर में राम पैदा हो जाते, क्योंकि खीर तो हर घर में बनती हैं। खीर तीन चीजों से बनती हैं, जिसमें चावल कर्म का, दूध ज्ञान का और शक्कर भक्ति की प्रतीक है। खीर में चावल और दूध हो और शक्कर न हो तो वह स्वादिष्ट नहीं लग सकती है, इसी प्रकार ज्ञान और कर्म भक्ति के बगैर व्यर्थ हैं। जब इन तीनों चीजों का मिश्रण होगा तो भगत को भगवान का साक्षात्कार हो जाएगा।
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