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संकरे पुल और टूटी रैलिंग, प्रशासन को हादसे का इंतजार

locationग्वालियरPublished: Feb 16, 2021 11:15:32 pm

Submitted by:

Vikash Tripathi

प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार को बस के नहर में गिरने के हुए हादसे जैसे बड़े जिले में भी हो सकते हैं। क्योंकि जिले में कई पुल-पुलिया ऐसे हैं जो या तो संकरे हैं या रैंिलंग विहीन है वहीं कई पुलों की रैलिंगें टूटी हुई हैं। बावजूद इसके अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है।

संकरे पुल और टूटी रैलिंग, प्रशासन को हादसे का इंतजार

संकरे पुल और टूटी रैलिंग, प्रशासन को हादसे का इंतजार

शहर के निकट ही सलापुरा नहर पुलिया के साथ ही अहेली नदी की ललितपुरा पुलिया और मानपुर का सीप पुल कुछ इसी प्रकार के हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। इसके साथ ही कई अन्य मार्गों पर अन्य पुल-पुलियाएं भी चिंता का सबब बने हुए हैं।श्योपुर-कोटा मार्ग पर खातौली पुल और श्योपुर-शिवपुरी मार्ग पर कूनो नदी पुल शामिल हैं। हालंाकि इन दोनों ही पुलों की जगह अब नए पुलों का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन निर्माण दो साल बाद पूर्ण होगा।
60 साल पुराना पुल संकरा, रैंलिंग भी टूटी
श्योपुर शहर को सलापुरा से जोडऩे वाली चंबल नहर की सलापुरा नहर पुलिया 60 साल पुरानी है। 50 के दशक में जब नहर का निर्माण हुआ, तब पुलिया बनाई गई, लेकिन ये पुलिया काफी संकरी है, जहां दिन में कई बार जाम लगता है। वहीं पुल की रैलिंग तो बरसों से क्षतिग्रस्त है और एक ओर की रैलिंग तो टूट भी गई है। श्योपुर-सवाईमाधोपुर हाइर्व के नेशनल हाइवे 552 एक्सटेंशन में आ जाने के बाद भी पुलिया का चौड़ीकरण तो दूर मरम्मत भी नहीं हो पाई।
बरसों से टूटी रैलिंग, पुल भी जर्जर
मानपुर-ढोढर मार्ग पर मानपुर के निकट सीप नदी पर बना 40 साल पुराना पुल जर्जर हाल में है। बरसों से इसकी रैलिंग टूटी है। बावजूद इसके विभाग ने इस पुल का मेंटेनेंस नहीं कराया। हालांकि आठ साल पहले मरम्मत के लिए ब्रिज कॉर्पोरेशन ने ठेका दिया था, लेकिन ठेकेदार बीच में ही काम छोड़ गया, लिहाजा उसके बाद से विभाग ने यहां आकर नहीं देखा है। यही वजह है कि पुल पर हर समय हादसों की संभावना बनी रहती है। इस संबंध में क्षेत्र के वाशिंदे भी कई बार पुल की रैलिंग बनवाने और मरम्मत कराने की मांग उठा चुके हैं।

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