मिल चुका प्रेसीडेंट अवॉर्ड
शिराली की पोयम एनसीईआरटी, सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड में पब्लिस्ड हो चुकी हैं। उन्हें प्रेसीडेंट अवॉर्ड मिल चुका है। उनके तैयार किए लिरिक्स ‘बम बम बोलेÓ फिल्म तारे जमीं पर धूम मचा चुके हैं। वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन की ब्रांड एम्बेसडर हैं।
पढ़ाई के साथ निभा रही घर की जिम्मेदारी भी
शिराली पढ़ाई के साथ-साथ केआरएच की ड्यूटी और अपने घर की जिम्मेदारी को बखूबी निभाती हैं। उनका सपना गाइनिक रोबोटिक सर्जन बनना है, जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत करती हैं। इसके लिए तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है।
शिराली ने अपने आपको बहुत ही कम समय में ग्रूम किया। उन्होंने एकेडमिक, आर्ट, कल्चर में पार्टिसिपेट करने की शुरुआत पांच साल की उम्र से कर दी थी। शुरुआत में शिराली ने विभिन्न संस्थाओं द्वारा होने वाले प्रोग्राम में बतौर प्रतियोगी के रूप में भाग लिया। अपने टैलेंट के बल पर वह हमेशा विनर रहीं और आज उन्हीं प्रोग्राम में वह जजमेंट करती हैं। अपने इस टैलेंट का श्रेय उन्होंने अपने पैरेंट्स को दिया।
शिराली ने कहा – पापा अकेले न रहें, इसलिए कर रहीं एमएस
नीट में शिराली का 99.9999 परसेंटेज था। उनके लिए एम्स सहित सभी दरवाजे ओपन थे, लेकिन उन्होंने जीआरएमसी को चुना। क्योंकि उनकी मां सुधा रुनवाल बीमार (किडनी रोग) हैं, जो जयपुर में अपने भाई के यहां रहकर ट्रीटमेंट ले रही हैं। वहीं पापा अरविंद रुनवाल और शिराली ग्वालियर में ही रह रहे हैं। शिराली अपने पापा को अकेले नहीं छोडऩा चाहती थी, इसलिए उसने जीआरएमसी में ही एमएस की डिग्री लेने का निश्चय लिया।