एक समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ रहे केपी यादव ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुकाबले में उतारा था। केपी ने न केवल कांग्रेस के इस गढ़ को ढहाया था बल्कि सिंधिया जैसे कद्दावर नेता को हराकर चर्चा में आए थे।
सांसद केपी यादव के लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी मंत्री सिंधिया समर्थक हैं। सिंधिया के साथ भाजपा में आकर मंत्री बने प्रद्युम्न सिंह तोमर गुना के प्रभारी हैं और महेंद्र सिंह सिसौदिया के पास शिवपुरी जिले का प्रभार है।
सांसद को क्या है सिंधिया से शिकायत
उपेक्षा कर रहे मंत्री – लोकसभा क्षेत्र में सिंधिया समर्थक मंत्री और नेताओं द्वारा आयोजित किए जाने वाले पार्टी तथा सरकार के कार्यक्रमों में मेरी व पार्टी के निष्ठावान पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। यहां तक कि मुझे भी आमंत्रण नहीं दिया जाता।
उचित स्थान नहीं देते- सिंधिया समर्थक नेताओं और मंत्रियों द्वारा किसी भी कार्य के उद्घाटन या शिला पट्टिका पर मुझे उचित स्थान नहीं दिया जाता। जबकि उनमें से कई कार्य हैं जो मेरे निरंतर प्रयास से केंद्र की योजना में स्वीकृत हुए हैं।
माहौल बिगाड़ रहे – सिंधिया समर्थकों द्वारा लगाए जा रहे पोस्टर-बैनर-होर्डिंग्स लगाते समय प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है। ज्येष्ठ कार्यकर्ताओं को स्थान नहीं दिया जाता है। इससे पार्टी का माहौल बिगड़ रहा है।
मेरे कार्यक्रम का बहिष्कार – लोकसभा क्षेत्र के तीनों जिले गुना-शिवपुरी में अधिकारी-कर्मचारी गलतफहमी के शिकार होकर उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। मेरी अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में सिंधिया समर्थकों द्वारा अघोषित बहिष्कार किया जा रहा है।