गोरखी के पीछे दर्जी ओली में 1982 में टंकी का निर्माण कराया गया था। 1987 में इसे पीएचई के हवाले किया गया, लेकिन 2013-14 में टंकी का ऊपरी हिस्सा डोम टंकी के अंदर ही ढह गया, जिससे टंकी में पानी भरने का काम बंद कर दिया गया। इसके बाद क्षेत्र में पानी की समस्या को देखते हुए डायरेक्ट सप्लाई की व्यवस्था की गई और टंकी को ढहाकर दूसरी टंकी के निर्माण की योजना बनाई गई। उक्त टंकी के स्थान पर करीब 15 से 20 लाख लीटर की क्षमता वाली टंकी का निर्माण किया जा सकता है। पुरानी टंकी बहुत जल्दी नष्ट हो गई, जिससे तत्कालीन इंजीनियरों की कुशलता पर सवाल खड़े हो रहे थे।
टंकी को गिराने के लिए इंदौर से विस्फोटक विशेषज्ञ शरद सर्वटे को बुलाया गया, जिन्होंने पहले भी पिंटो पार्क में टंकी को ढहाने के लिए विस्फोटक लगाए थे, लेकिन टंकी पूरी गिरने की जगह टेढ़ी हो गई थी। इसको लेकर अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य ने कार्यपालन यंत्री आरएन करैया से बुधवार को कहा था कि टंकी गिराने का सर्वटे के साथ पुराना अनुभव ठीक नहीं है, सावधानी बरतें और पहले ऊपरी हिस्से को करीब 3 से 4 मीटर तक और उतार लें, ताकि आसपास के मकानों को नुकसान न हो, जिस पर करैया ने बताया कि सर्वटे ने ऊपरी हिस्से को लोहे के तारों से बंधवा दिया है, वह मकानों की तरफ नहीं जाएंगे। टंकी के निचले हिस्से को भी काटा गया है, जिससे वह हवा से भी गिर सकता है, अब देर नहीं कर सकते, लेकिन एक्सपर्ट की चूक से मकान चपेट में आ गए।
टंकी गिराने के दौरान अनूप पटेरिया, गोपाल अग्रवाल, गोपाल सिंह तोमर और नवीन के मकान क्षतिग्रस्त हुए। एसडीएम ने सभी लोगों को जब तक मकान की मरम्मत न हो जाए, तब तक उनमें न रहने की सलाह दी है। वहां के लोगों ने बताया कि टंकी के आसपास चालीस मकान बने हुए हैं, सबको दस्तक देकर बाहर निकाल दिया था।
-विस्फोट सही तरीके से हुआ, लेकिन टंकी में लोहे के सरियों का निर्माण के दौरान कम उपयोग किया गया, इसके चलते ऊपरी हिस्सा छिटककर गिर गया। अफसरों से मैने कहा था कि पांच माह लगे ऊपरी हिस्से को उतारने में, एक माह और लगेगा तो मैन्युअली उतर आएगा। उक्त साइट पर जगह भी बहुत कम थी। बहुत सावधानी से टंकी को ढहाया गया है। इस दौरान में मौके पर ही अफसरों के साथ रहा।
शरद सर्वटे, विस्फोटक एक्सपर्ट
-टंकी के निर्माण को ढहाने के लिए पूरी सावधानी बरती गई, लोगों को नोटिस दिए गए, मकान खाली कराए गए, रास्ते प्रतिबंधित किए गए। जगह कम होने से कुछ लोगों का नुकसान हुआ है, जिसकी हम पूर्ति करेंगे।
आरएन करैया, कार्यपालन यंत्री, पीएचई नगर निगम