scriptन मरीजों का एंट्री रजिस्टर था न ओपीडी का, अस्पताल में मिली ऐसी अव्यवस्था | neither the entry register of the patients nor the emergency was found | Patrika News

न मरीजों का एंट्री रजिस्टर था न ओपीडी का, अस्पताल में मिली ऐसी अव्यवस्था

locationग्वालियरPublished: Oct 07, 2019 01:05:34 am

Submitted by:

Rahul rai

आइसीयू में बीएएमएस स्टूडेंट मलखान सिंह, बीएससी नर्सिंग स्टूडेंट सुनीता पाए गए। वार्ड में स्टूडेंट सीमा चौकसे व शीतल कटारे मिले।

न मरीजों का एंट्री रजिस्टर था न ओपीडी का, अस्पताल में मिली ऐसी अव्यवस्था

न मरीजों का एंट्री रजिस्टर था न ओपीडी का, अस्पताल में मिली ऐसी अव्यवस्था

ग्वालियर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी अस्पतालों पर की जा रही कार्रवाई के तहत रविवार को मुरार में जच्चा खाने के पास स्थित श्रीदेवकीनंदन अस्पताल में मरीजों और एंबुलेंस का एंट्री रजिस्टर एवं ओपीडी रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराने पर नोटिस दिया है। कलेक्टर अनुराग चौधरी को इस अस्पताल की शिकायत मिली थी, जिस पर डिप्टी कलेक्टर डॉ.यूनिस कुरैशी के नेतृत्व में डॉ.सचिन श्रीवास्तव नोडल अधिकारी नर्सिंग होम, आइपी निवारिया नोडल अधिकारी 108 एंबुलेंस की टीम निरीक्षण के लिए भेजा गया। इस दौरान 5 मरीज आइसीयू में तथा 4 मरीज वार्ड में भर्ती मिले, जिसमें एक चिकित्सक डॉ.बीएम दिनकर (एमबीबीएस) ड्यूटी पर मिले।
स्टूडेंट कर रहे थे आइसीयू में ड्यूटी
आइसीयू में बीएएमएस स्टूडेंट मलखान सिंह, बीएससी नर्सिंग स्टूडेंट सुनीता पाए गए। वार्ड में स्टूडेंट सीमा चौकसे व शीतल कटारे मिले। अधिकारियों ने आइसीयू में भर्ती ग्राम बांगरौली जिला मुरैना, निवासी मरीज पूरन सिंह से पूछताछ की तो उसने बताया कि प्राइवेट एंबुलेंस से आए हैं। टीम को सूचना मिली थी की अस्पताल में कमीशन के लालच में एक एंबुलेंस चालक डिलेवरी के लिए महिला को भर्ती करा गया। इसकी भी छान-बीन की गई, लेकिन कोई नहीं मिला।
यह मिले हाल
टीम ने प्राइवेट एंबुलेंस व मरीज के आने-जाने का एंट्री रजिस्टर अस्पताल के कर्मचारियों से मांगा तो वह उपलब्ध नहीं करा पाए। ओपीडी रजिस्टर मांगने पर वह भी नहीं दिखा पाए। अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट का पालन नहीं किया जा रहा था। इंसीनेटर की रसीद मांगी गई तो कर्मचारियों ने कहा संचालक के पास है। टीम ने संचालक पंचम सिंह को फोन लगाया तो उन्होंने कहा कि मैं मोहना में हूं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अस्पताल के संचालक को नोटिस देकर जवाब मांगा है। सात दिन में जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की जाएगी।
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