25 जून को घुसपैठिए अलमक्की को हैदराबाद से दबोचकर लाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया था कि उसे फरार करने में इंदौर में सनसनीखेज अपहरणकांड के दो आरोपी इदरीश और इस्माइल शामिल थे। इनमें इदरीश तो पकड़ा गया है, इस्माइल को पकडऩा बाकी है।
पूरे प्रदेश में पुलिस वारंटियों को पकडऩे में जुटी है, इसके बावजूद घुसपैठिए अलमक्की के मददगार पुलिस के रडार से बाहर हैं। उम्मीद है कि वांटेड पकड़े गए तो उनसे अलमक्की और उससे जुड़े कुछ और खुलासे सामने आ सकते हैं। उसके मददगार इदरीश ने ही पकड़े जाने पर खुलासा किया था कि अलमक्की से उसकी दोस्ती जेल में हुई थी। नमाज के बहाने अलमक्की जेल में बंद पाकिस्तानी जासूस अब्बास से भी मिलता था। सऊदी अरब से आने वाला पैसा भी वही अलमक्की तक पहुंचाता था। इसी पैसे के बूते पर अलमक्की थाने में लैपटॉप और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था।
जिला विशेष शाखा के मुताबिक 8 महीने पहले अलमक्की जेल से छूटा था तो सऊदी अरब और बांग्लादेश के दूतावास से संपर्क किया था। सऊदी अरब के दूतावास ने साफ जवाब दिया है कि वह उनका नागरिक नहीं है, जबकि बांग्लादेशी दूतावास को करीब 10 बार खत लिखा जा चुका है, वहां से कोई जवाब नहीं आता।
थाना करेगा केस की विवेचना
केस पड़ाव थाने का था, इसलिए मामले की जांच पड़ाव पुलिस कर रही है, वही केस के बारे में बता सकते हैं।
पंकज पांडेय, एएसपी क्राइम ब्रांच जांच डायरी विवेचक के पास
पड़ाव थाने में कुछ दिन पहले ही पोस्टिंग हुई है, लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी की वजह से अलमक्की की केस डायरी नहीं देखी है। एसआइ प्रजापति के पास केस की जांच है, वहीं जानकारी दे सकते हैं।
संजू कामले, टीआइ पड़ाव थाना
केस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि डायरी टीआइ के पास है, वहीं मामले की जांच कर रहे हैं। अलमक्की के मददगारों पर क्या कार्रवाई हुई, वही बता सकते हैं।
कमलेश प्रजापति, एसआइ पड़ाव थाना