नॉलेज, क्रिएशन और डिसेमिनेशन के ग्लोबल हब के लिए आइटीएम यूनिवर्सिटी अग्रसर है। रिसर्च और एकेडेमिक्स एक्सीलेंस की दिशा में अपने उद्देश्यों के साथ यूनिवर्सिटी लगातार इंटरनेशनलाइजेशन और इंटरडिसीप्लीनरी रिसर्च तक पहुंच रही है। इसी के तहत पिछले साल ही आइटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर को ब्रिटिश काउंसिल यूके द्वारा मान्यता प्रदान की गई थी। ब्रिटिश काउंसिल के सबसे प्रतिष्ठित ग्रांट में से एक ‘गोइंग ग्लोबल पार्टनरशिप एक्सप्लोरेटरी ग्रांट 2021’ देते हुए डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी, लीसेस्टर के साथ यूनिवर्सिटी को पार्टनरशिप प्रोग्राम में शामिल किया था। यह ग्रांट फार्मास्युटिकल और हेल्थ साइंस के लिए करीकुलम के इंटरनेशनलाइजेशन पर केंद्रित है।
पार्टनरशिप प्रोग्राम रहा सफल, खोजेंगे नई संभावनाएं
आइटीएम यूनिवर्सिटी के डीन इंटरनेशनल कॉपरेशन डॉ श्याम आकाशे ने बताया कि एमओयू साइन करने से पहले डॉ सुबोध दुबे के प्रतिनिधित्व में दिल्ली गई टीम ने डे मोंटफोर्ट यूनिविर्सिटी के डेलीगेट्स की वहां पीसीआई प्रेसीडेंट डॉ मोंटू कुमार पटेल और पीसीआई सेकेट्री व रजिस्ट्रार अर्चना मुद्गल से भेेंट करवाई। जिसमें भारत और यूके के कोलाब्रेशन के मद्देनजर बेहतरीन शैक्षणिक नीतियां, विकास, संभावनाओं पर चर्चा हुई। फार्मास्युटिकल और हेल्थ साइंस के क्षेत्र में ज्वाइंट प्रोग्राम्स को विकसित और निष्पादित करने के लिए भारत-यूके पार्टनरशिप का एक अहम हिस्सा रहा है। इस ग्लोबल पार्टनरशिप का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के संस्थानों के बीच गहरी समझ जागृत करना, फार्मास्युटिकल साइंस के विचारों और ज्ञान का आदान-प्रदान करना और विशिष्ट रूप से डिजाइन किए गए टीचिंग मॉड्यूल, डिलीवरी प्लान्स, असेसमेंट और क्वालिटी एश्योरेंस प्रोसस के माध्यम से गहरी समझ और विकास करना रहा।
आइटीएम यूनिवर्सिटी के डीन इंटरनेशनल कॉपरेशन डॉ श्याम आकाशे ने बताया कि एमओयू साइन करने से पहले डॉ सुबोध दुबे के प्रतिनिधित्व में दिल्ली गई टीम ने डे मोंटफोर्ट यूनिविर्सिटी के डेलीगेट्स की वहां पीसीआई प्रेसीडेंट डॉ मोंटू कुमार पटेल और पीसीआई सेकेट्री व रजिस्ट्रार अर्चना मुद्गल से भेेंट करवाई। जिसमें भारत और यूके के कोलाब्रेशन के मद्देनजर बेहतरीन शैक्षणिक नीतियां, विकास, संभावनाओं पर चर्चा हुई। फार्मास्युटिकल और हेल्थ साइंस के क्षेत्र में ज्वाइंट प्रोग्राम्स को विकसित और निष्पादित करने के लिए भारत-यूके पार्टनरशिप का एक अहम हिस्सा रहा है। इस ग्लोबल पार्टनरशिप का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के संस्थानों के बीच गहरी समझ जागृत करना, फार्मास्युटिकल साइंस के विचारों और ज्ञान का आदान-प्रदान करना और विशिष्ट रूप से डिजाइन किए गए टीचिंग मॉड्यूल, डिलीवरी प्लान्स, असेसमेंट और क्वालिटी एश्योरेंस प्रोसस के माध्यम से गहरी समझ और विकास करना रहा।
दोनों यूनिवर्सिटीज के बीच हुआ एमओयू भी डीएमयू के लिए अपनी ‘टीचिंग एंड लर्निंग एंड ट्रांसलेशनल एजुकेशन’ क्षमता और वैश्विक जुड़ाव को और ज्यादा विकसित करने का एक अवसर है। आइटीएम अपने स्टूडेंट्स को रिलेवेंट इंटरनेशनलाइजेशन के अवसर प्रदान करने के अधिक से अधिक प्रयास जारी रखेगी। यह करिकुलम के लिए एक नया और बेहतर विजन लाएगा और डीएमयू के सहयोगियों के साथ इंटरेक्शन के माध्यम से पढ़ाने के लिए एक माडर्न और इफेक्टिव पैडागोगी अपनाएगा।
डॉ एसएस भाकर , वाइस चांसलर, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर
डॉ एसएस भाकर , वाइस चांसलर, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर