बताया जाता है कि जेएएच की लिफ्ट कई सालों से खस्ताहालत में है और कई बार धोखा दे चुकी है। करीब एक दशक पूर्व मप्र के तत्कालीन गवर्नर बलराम जाखड़ जेएएच में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, इस दौरान वह लिफ्ट से जा रहे थे तभी लिफ्ट खराब हो गई और वे उसमें फंस गए थे, इस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी।
डॉक्टर और मरीज कई बार लिफ्ट में फंस चुके हैं। पिछले दिनों एक वायरमैन ठीक करते समय उसमें फंस गया था, जिसे निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसे लेकर काफी बवाल मचा था।
बताया जाता है कि जेएएच का भवन पुराना होने से जर्जर हो गया है। इस भवन को कई वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी कंडम भी घोषित कर चुका है, इसलिए पीडब्ल्यूडी ने निर्णय लिया है कि लिफ्ट जेएएच के अंदर नहीं बाहर लगाई जाएगी।
नई लिफ्ट लगाने के लिए जल्द ही पीडब्ल्यूडी विभाग की ईएण्डएम शाखा टेंडर जारी करेगी। नई लिफ्ट लगने तक ऐसे मरीज जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं या ऑर्थोपेडिक विभाग तक नहीं पहुंच सकते हैं, उन्हें उस विभाग तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन कर्मचारियों की व्यवस्था भी करेगा।
सूत्रों ने बताया कि नई लिफ्ट से मरीजों को पहली मंजिल पर बने सर्जरी और दूसरी मंजिल पर बने ऑर्थोपेडिक विभाग में आसानी से पहुंचाया जा सके, इसके लिए लिफ्ट के पहली व दूसरी मंजिल पर पहुंचने वाले स्थान से जेएएच में अंदर जाने की जगह बनाई जाएगी।
जेएएच के लिए नई लिफ्ट लगाने की मंजूरी मिल गई है, जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा।
डीपी साहू, प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी