अभी कैनवास स्तर पर है न्यू टाउनशिप थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना, सुझावों से ही करेंगे डिजाइन
- मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आवासीय सह व्यवसायिक (न्यू टाउनशिप, थाटीपुर) पुनर्घनत्वीकरण योजना पर परिचर्चा संपन्न

ग्वालियर. आवासीय सह व्यवसायिक (न्यू टाउनशिप, थाटीपुर) पुनर्घनत्वीकरण योजना अभी कैनवास स्तर पर है। आपके सुझावों के अनुरूप ही इसे डिजायन करना चाहते हैं। इस योजना में 30 हैक्टेयर भूमि हमारे पास है जिसमें से 12 फीट शासकीय आवास एवं 18 हैक्टेयर भूमि पर कॉमर्शियल व आवासीय योजना का प्रस्ताव है। ग्वालियर में पर्याप्त मांग है और थाटीपुर क्षेत्र शहर की प्राइम लोकेशन है। यह बात एमपी हाउसिंग बोर्ड के अपर आयुक्त शैलेन्द्र वर्मा ने कही, वे शुक्रवार को चैंबर भवन में आवासीय सह व्यवसायिक (न्यू टाउनशिप, थाटीपुर) पुनर्घनत्वीकरण योजना पर हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से उद्बोधन दे रहे थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद नगर व ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक व्हीके शर्मा ने कहा कि नई योजना के लिए थाटीपुर एक उपयुक्त क्षेत्र है क्योंकि अब शहर के मुख्य बाजार महाराज बाड़ा में जगह नहीं बची है और वहां पार्किंग व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है। हाइराइज बिल्डिंग के लिए यह बेहतर क्षेत्र है। बेहतर कार्य योजना बनाने के लिए अलग-अलग सेक्टर के व्यापारियों से चर्चा कर, सुझाव लिये जायें। साथ ही पूरे प्रोजेक्ट की एक साथ सभी एनओसी ली जायें। कार्यक्रम में मौजूद व्यापारियों ने भी सुझाव प्रस्तुत किए।
ये आए सुझाव
- चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ.प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू करने से पहले सभी प्रकार की एनओसी पूरी जगह की प्राप्त कर लें ताकि माधव प्लाजा जैसा उदाहरण हमारे सामने न आये। ठोस गारंटी दें तय सीमा में प्रोजेक्ट को पूरा किया जाये और समय अवधि में लोगों को पजेशन दिया जाये।
- कार्यकारिणी सदस्य उमेश उप्पल ने कहा कि इस टाउनशिप योजना को टुकड़ों में नहीं बल्कि समग्र योजना बनाएं ताकि यह सारगर्भित हो सके।
- कार्यकारिणी सदस्य महेश मुदगल ने कहा कि दिल्ली के कनॉट प्लेस की तर्ज पर आधुनिक कनॉट प्लेस की तरह इसे डेवलप किया जाये। पूरी भूमि पर समग्र योजना बनायें तथा संकल्प की शक्ति के साथ इस कार्य को शुरू करें।
- वरिष्ठ आर्किटेक्ट प्रभात भार्गव ने कहा कि प्रोजेक्ट में आवासीय क्षेत्र को सेपरेट रखें ताकि उनकी प्रायवेसी बनी रहे तथा प्रोजेक्ट में सीधी व चौड़ी रोड़ बनायें। 40 व 60 फुट की रोड का कॉन्सेप्ट अब पुराना हो चुका है।
- चैंबर सदस्य एवं क्रेडाई के उपाध्यक्ष सुदर्शन झंवर ने कहा कि पूर्व में हरित पेड़ों को काटे जाने की संभावना के चलते ही यह प्रोजेक्ट 15-20 वर्षों से लंबित रहा है। आप इस प्रोजेक्ट में मुख्य सडक़ों को 30 मीटर चौड़ा रखें ताकि उसमें 6 मीटर ग्रीनरी के लिए छोड़ी जा सके तथा सेंटर की सडक़ को 24 मीटर रखें इसमें भी 6 मीटर ग्रीनरी के लिए छोड़ें जिससे योजना में काटे जाने वाले पेड़ों की भरपाई हो सके। साथ ही पूरी जगह की एक साथ प्लानिंग की जाए, टुकड़ों में न हो।
- आर्किटेक्ट तरूण मित्तल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में ग्वालियर का प्रतिनिधित्व करेगा। पूरी जगह का एक बार में ही प्रोजेक्ट बनाएं। इस प्रोजेक्ट में अगले 50 वर्ष को ध्यान में रखते हुए पार्किंग की प्लानिंग करें। प्रोजेक्ट को वर्टिकली डिजायन करें तथा ग्रीनरी व ओपन स्पेस को ज्यादा स्थान दिया जाये।
- चैंबर सदस्य शैलेष जैन ने कहा कि प्रोजेक्ट बनने के बाद लोगों का उसका आवंटन इन्वेस्ट रेट पर ही किया जाए, निजी बिल्डर्स के साथ इसमें कॉम्पटीशन न किया जाये।
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