100 पार्कों का करना था विकास
शहर के ग्वालियर और पूर्व विधानसभा के 100 पार्कों का विकास और तीन साल का मेंटेनेंस का 5 करोड़ का ठेका करीब डेढ़ साल पहले दिल्ली की एनवायरोटेक कंपनी को दिया था। कंपनी ने ग्वालियर विधानसभा के कुछ पार्कों में काम किया लेकिन मेंटेनेंस नहीं किया, जबकि ग्वालियर पूर्व में भी कोई काम नहीं किया गया। इस तरह से डेढ़ साल से लगातार पार्क विभाग द्वारा कंपनी को पार्कों का विकास करने के लिए कहा जा रहा था लेकिन कंपनी लगातार अनसुनी करती रही, जिसके कारण शहर के पार्कों के हालात बदतर होती रही। इसे लेकर ही पार्क विभाग ने करीब 4 महीने पहले कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने के लिए फाइल तैयार कर निगमायुक्त के पास भेज दी है। कंपनी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर फिर से कंपनी से ही दोबारा इसी टेंडर के जरिए कार्य कराए जाने की तैयारी चल रही है। कंपनी को इसके तहत रेसकोर्स रोड पर कार्य करने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत कंपनी ने कुछ कार्य भी किया है। यहां सवाल उठता है कि जो कंपनी डेढ़ साल पहले कार्य नहीं कर सकी और उस पर कार्रवाई करने के बजाय फिर उसे उपकृत करना कितना सही होगा। सूत्रों की मानें तो कंपनी को फिर से कार्य देने के लिए सिफारिश की जा रही है। यही कारण है कि निगमायुक्त संदीप माकिन द्वारा कंपनी पर कार्रवाई करने के बजाय फिर ठेके देने की दिशा में काम किया जा रहा है।
यह थीं शर्तें
दिल्ली की एनवायरोटेक कंपनी को 5 करोड़ का टेंडर मिला था जिसके तहत कंपनी को ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व विधानसभा में 100 पार्कों का विकास और उनका रखरखाव करना था। टेंडर में शर्त थी कि कंपनी को पार्क में हार्टीकल्चर वर्क करना है और तीन साल तक उसका रखरखाव करना है। जिसमें पार्क मैदान में घास, पौधे, बैठने के लिए सीट आदि की व्यवस्था करना थी।
टेंडर की प्रक्रिया से बचने के लिए एक कमेटी गठित की है जो कि जांच कर रही है कि कंपनी कार्य कर सकती है या नहीं। अगर कमेटी जांच में मना करेगी तो कंपनी का टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा।
संदीप माकिन, निगमायुक्त