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निठारी कांड की तरह स्नेहालय के सीवर चैंबर आज उगल सकते हैं कई गुनाहों के राज

locationग्वालियरPublished: Sep 25, 2018 01:09:17 am

Submitted by:

Rahul rai

आशंका है कि यहां पहले भी इस तरह के अपराध होते रहे हैं। संभावना है कि उनके सबूत भी स्नेहालय के सीवर चेंबर में छुपाए गए होंगे, इसलिए पुलिस अब चेंबर खोलने की तैयारी कर रही है

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निठारी कांड की तरह स्नेहालय के सीवर चैंबर आज उगल सकते हैं कई गुनाहों के राज

ग्वालियर। शेल्टर होम स्नेहालय में मूक बधिर युवती के साथ बलात्कार और उसका गर्भपात कराकर भ्रूण जलाने का मामला उजागर होने के बाद आशंका है कि यहां पहले भी इस तरह के अपराध होते रहे हैं। संभावना है कि उनके सबूत भी स्नेहालय के सीवर चेंबर में छुपाए गए होंगे, इसलिए पुलिस अब चेंबर खोलने की तैयारी कर रही है, क्योंकि मूक बधिर युवती का गर्भपात कराने के बाद उसका भ्रूण भी जलाकर चेंबर में फेंका गया था। यह भी संभावना है कि वह भ्रूण पूरी तरह खाक नहीं हुआ होगा, सर्चिंग में गटर की तली में मिल सकता है, उसके मिलने पर उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
आशंका है कि स्नेहालय, सिकरौदा में उत्तर प्रदेश के निठारीकांड की तरह स्नेहालय के सीवर चेंबर भी कई राज उगल सकते हैं, इसलिए सोमवार को वहां पहुंचकर पुलिस ने तय किया कि शेल्टर होम के उस गटर को खंगाला जाए, जिसमें स्नेहालय के संचालक डॉ.वीके शर्मा और उसकी लिव इन पार्टनर भावना शर्मा के कहने पर रवि वाल्मीकि ने भू्रण जलाकर फेंका था। इसलिए नगर निगम से मड पम्प मांगा था, लेकिन निगम ने पूरा दिन गुजरने के बाद मशीन शेल्टर हाऊस भेजी, रात होने से स्टाफ ने गटर साफ करने से मना कर दिया।
सोमवार को कॉटेज नंबर चार के पास का चेंबर सर्च किया जाना था। लेकिन पुलिस और निगम के बीच तालमेल नहीं बैठने से ४ घंटे तक मड पम्प का इंतजाम नहीं हो सका। अब मंगलवार सुबह पुलिस की निगरानी में चेंबर खाली होगा। पुलिस का कहना है कि पकड़ी गई केयर टेकर प्रभा यादव ने खुलासा किया था कि डॉ. शर्मा के कहने पर उसके रवि वाल्मीकि ने मूक बधिर युवती के करीब साढ़े तीन महीने के भ्रूण को जलाकर इसी चेंबर में फेंका था।
जल्दबाजी से कमजोर हुआ मामला
इस मामले में पुलिस और महिला बाल विकास के बीच तालमेल में कमी सामने आई है। सूत्रों का कहना है बुजुर्ग केयर टेकर प्रभा यादव स्नेहालय की पुरानी कर्मचारी है। उसे हर घटनाक्रम की जानकारी है, उससे राज उगलवाए जा सकते थे। उसने ही भ्रूण जलाने का राज खोला था, लेकिन पुलिस और महिला बाल विकास अधिकारियों के बीच कोई रणनीति नहीं बनी। उसे डॉ. शर्मा के इशारे पर जुर्म में मददगार का आरोपी बनाकर तुरंत जेल भेज दिया गया।
तीन दिन बाद पहरे में शेल्टर होम
गर्भपात और भ्रूण को जलाने का मामला करीब सात दिन पहले महिला बाल विकास और 21 सितंबर को पुलिस के सामने आ गया था। अब तीन दिन बाद एसएएफ के जवानों को शेल्टर होम में पहरे पर लगाया गया है, जिससे रिकॉर्ड और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो।
डोनेशन बुक बरामद
शेल्टर होम में सोमवार को सुबह 9 बजे से दोपहर करीब ढाई बजे तक उसके ऑफिस का दरवाजा बंद कर रिकॉर्ड खंगाला। तलाशी में स्टाफ की तैनाती, हाजिरी सहित दान पुस्तिका मिली है, इसे पुलिस ले गई है। उसमें कुछ दानदाताओं का ब्यौरा है। पुलिस की थ्योरी में डोनेशन बुक सिर्फ इंकम टैक्स और कानूनी पेचीदगियों से बचने का जरिया है।
लंदन में रईसों से ताल्लुक
शेल्टर होम को सरहद पार से पैसा हवाला के जरिए आता रहा है। पता चला है कि डॉ.वीके शर्मा का बेटा लंदन में रहता है। डॉ. शर्मा के पास भी लंदन की नागरिकता है। उसके वहां तमाम रईसों से ताल्लुक हैं। उनके जरिए ही संस्था को पैसा आता था। शेल्टर होम में लंदन, आस्ट्रेलिया सहित कई देशों के लोग आते रहते थे।
राजदार डॉ.अंडरग्राउंड
डॉ.वीके शर्मा के साथ गर्भपात और भ्रूण को खत्म करने में शामिल डॉ. पुष्पा मिश्रा का चार दिन बाद भी पता नहीं चला है। स्टाफ ने पुलिस को बताया कि डॉ. पुष्पा भी संचालक वीके शर्मा की नजदीक रही है। उसे भी यहां की हर गतिविधि के बारे में पता है। पुलिस कह रही कि सिर्फ पुष्पा को गिरफ्तार करना बाकी है।
कोर्ट में दोहराया सच, पीडि़ता की पेशी आज
सोमवार को पुलिस ने मामले का खुलासा करने वाली पूजा को डबरा कोर्ट में पेश किया। उसने अदालत के सामने वही कहा जो पुलिस को बताया था। पूजा बता चुकी है कि उसने चौकीदार साहब सिंह गुर्जर को मूक बधिर पीडि़ता के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा था। इसकी शिकायत डॉ.वीके शर्मा और भावना से की थी, लेकिन भावना ने उसे चुप रहने के लिए कहा। पूजा के बयान दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उसे वन स्टाप होम भेज दिया है। मंगलवार को मूक बधिर बलात्कार पीडि़ता को अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले सोमवार को उसका आखिरी मेडिकल चेकअप कराया गया।
मुझे प्रताडि़त करने थे, पढऩे नहीं दिया
शेल्टर होम में मुझे तंग किया जाता था, मैनेजर जेपी शर्मा की वजह से परेशान रहा हूं, उसने मुझे पढऩे नहीं दिया। उसकी वजह से मेरी जिदंगी खराब हो गई। यहां अकेला नेत्रहीन हूं, मेरा इलाज तक नहीं होता। सिर्फ खाने पीने का सामान और रहने की जगह मिलती है। अगर पढ़ लिख लेता तो नेत्रहीन होने के बावजूद अपने पैरों पर खड़ा हो पाता।
जैसा कि शेल्टर होम में रहने वाले दिलीप ने पत्रिका को बताया
कहां गईं लावारिस युवतियां, क्यों नहीं हुई तफ्ती
शशेल्टर होम के स्टाफ का कहना है कि यहां से कई युवतियां गायब हैं, जिन्हें यहां रखने के लिए भेजा गया था। इनमें एक युवती नारी निकेतन से आई थी। इन युवतियों के लापता होने के बाद बताया कि चौकीदार की नजरें बचाकर यह भाग गई हैं, लेकिन इनके लापता होने के बारे में पुलिस से शिकायत नहीं हुई। युवतियां कहां गईं, इस बारे में लंबे समय बाद भी जानकारी नहीं है।
सीवर चेंबर में मिल सकते हैं कई सबूतस्नेहालय के सीवर चेंबर को सर्च कराया जाएगा, आशंका है कि इसमें जलाकर फेंके गए भ्रूण के अलावा ऐसे और भी कई गुनाहों के सबूत मिल सकते हैं। क्योंकि जिस तरह का वहशीपन शेल्टर होम संचालक और उसके गुर्गों ने किया है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी और भी गुनाहों को पहले भी अंजाम दे चुके होंगे।
अमित भदौरिया, बिलौआ टीआइ

इस तरह चला घटनाक्रम
12 सितंबर- मूक बधिर युवती ने पेट में दर्द की शिकायत की।
15 सितंबर- तकलीफ बढऩे पर आंतरी के सरकारी अस्पताल में चेकअप कराया, यहां से केआरएच रेफर किया। १८ सितंबर- अल्ट्रासाउंड में साफ हुआ कि युवती गर्भवती है।
19 सितंबर- स्नेहालय संचालक डॉ.वीके शर्मा और उसकी लिव इन पार्टनर भावना ने पीडि़ता के कॉटेज में उसका गर्भपात कराया। फिर कर्मचारी रवि वाल्मीकि को बुलाकर भ्रूण को जलाकर गटर में फिकवाया।
21 सितंबर- घटना सामने आने पर महिला बाल विकास की शिकायत पर पुलिस ने स्नेहालय में दबिश देकर डॉ.वीके शर्मा सहित 6 आरोपियों को पकड़ा।
22 सितंबर- फरार दो आरोपी भी पकड़े, सिर्फ डॉ.पुष्पा मिश्रा पुलिस की पकड़ से बाहर रही।
24 सितंबर- तीन दिन बाद पुलिस ने स्नेहालय के ऑफिस में जाकर रिकॉर्ड खंगाला, सीवर चेंबर सर्च करने की कोशिश की।

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