बताया गया है कि वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में शौचालय निर्माण की रिपोर्ट राज्यों से तलब की, जिसमें मध्यप्रदेश की ओर से सरकारी स्कूलों में शत-प्रतिशत शौचालय होने की बात कही गई। यही नहीं श्योपुर जिले में सरकारी स्कूलों में शत-प्रतिशत शौचालय बनना बताया गया। लेकिन वर्तमान में जिले में संचालित 1159 स्कूलों (प्राथमिक और माध्यमिक) में से अभी भी 31 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें शौचालय नहीं है।
विशेष बात यह है कि इन 31 स्कूलों में से 15 बालक और 16 बालिका स्कूल शौचालय विहीन बताए जा रहे हैं। हालांकि अब अफसर इन स्कूलों में शौचालय निर्माण और राशि जारी करने की बात कर रहे हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही साफ झलकती है कि जिले के सरकारी स्कूलों में शत-प्रतिशत शौचालयों के दावों के बीच ये 31 स्कूल मुंह चिढ़ा रहे हैं।
अब जारी होंगे 40 लाख
बताया गया है कि शौचालय विहीन इन स्कूलों के लिए अब जिला शिक्षा केंद्र द्वारा लगभग 40 लाख रुपए की राशि जारी की जा रही है। इनमें बालक शौचालय के लिए जहां 1 लाख 24 हजार और बालिका शौचालय के लिए 1 लाख 33 हजार रुपए की राशि जारी होगी। इस लिहाज से 15 बालक और 16 बालिका शौचालय के लिए 39 लाख 8 8 हजार रुपए जारी होंगे।
“जिन स्कूलों में शौचालय नहीं है, वहां स्वीकृत हो गए हैं और हम बालक शौचालय के मान से 1.24 लाख और बालिका शौचालय के मान से 1.33 लाख रुपए जारी किए जा रहे हैं।”
हरिशंकर जाटव, प्रभारी निर्माण शाखा, जिला शिक्षा केंद्र श्योपुर