महाराज बाड़ा पर स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी को स्मार्ट डिजिटल लाइबे्ररी बनाने का प्रोजेक्ट सितंबर 2018 में शुरू किया गया था। 11 करोड़ की लागत से बनने वाली लाइब्रेरी का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। अभी तक स्मार्ट सिटी को पूरी बिल्डिंग भी नहीं मिल पाई है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय संचालित होता है, जिसे कलेक्ट्रोरेट के पास बने नए भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। प्रोजेक्ट की समय सीमा में महज 2 महीने बचे हैं, लेकिन जिस गति से कार्य चल रहा है उससे इसे पूरा होने में एक साल का समय लग सकता है।
पीपीपी मोड से शहर में साइकिल शुरू होनी थी। इसके तहत 50 साइकिल स्टैंड बनाए जाने थे, लेकिन अभी तक स्टैंड नहीं बन पाए और साइकिल भी नहीं चल पाई है। कटोरा ताल
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कटोरा ताल को संवारने का कार्य किया जा रहा है। इसकी समय सीमा निकल चुकी है। 2.17 करोड़ की लागत से कार्य होना था, लेकिन अभी काम बहुत बाकी है। इसकी शुरुआत भी जुलाई 2018 में हुई थी।
टाउन हॉल
टाउन हॉल निर्माण कार्य के चलते कई साल से बंद है। पहले यहां नगर निगम ने कार्य कराया, अब करीब 80 लाख की लागत से स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कार्य चल रहा है। यह भी पूरा नहीं हो पाया है।
स्मार्ट बसें
शहर और उसके बाहर स्मार्ट बसें चलनी थीं, लेकिन शहर में सिर्फ 2 और बाहर 5 बसें ही चल रही हैं। जबकि 18-18 बसें चलानी थीं। बस ऑपरेटर ने इनकी संख्या नहीं बढ़ाई।
कमांड सेंटर
मोती महल में कमांड सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। इसकी समय सीमा पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रोजेक्ट अभी भी अधर में है। यह प्रोजेक्ट दो भागों में तैयार होना था। 25 करोड़ की लागत से आईटी का प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है, लेकिन 6.21 करोड़ की लागत से सिविल वर्क होना था, वह अधूरा है।