scriptन पुराने नियम याद, न नए से सुधर रहा यातायात | Not remember the old rule, neither newer improved traffic | Patrika News
ग्वालियर

न पुराने नियम याद, न नए से सुधर रहा यातायात

अधिकारी बदलते ही यातायात के यिम भी बदल जाते हैं

ग्वालियरMar 14, 2019 / 01:21 am

राजेंद्र ठाकुर

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ग्वालियर। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी जितनी चिंता दिखा रहे हैं असल में उतनी जिम्मेदारी से काम नहीं करते हैं। हर बार यही होता है नए अधिकारी आते हैं ट्रैफिक सुधारने को लेकर कई वादे करते हैं। कुछ काम भी होता है लेकिन उनके जाने के बाद पुराना ढर्रा फिर से शुरू हो जाता है। जब नया अधिकारी आता है वो अपने नियम कायदे चलाता है। यही कारण ट्रैफिक व्यवस्था सुधर नहीं पाती है। पत्रिका ने शहर में घूमकर जब पुराने कुछ नियमों का जायजा लिया तो देखा कि पुराने नियम सब भूल चुके हैं। कई पॉइंट पर यातायातकर्मी नजर नहीं आते, कई जगह उनकी मौजूदगी सिर्फ एक कौने में सिमटी रहती है। वाहन चालक सरेआम नियम तोड़ते हुए निकलते रहते हैं।

18 एकाकी मार्ग, हर जगह व्यवस्था बिगड़ी

यातायात व्यवस्था न बिगड़े इसलिए शहर में 16 जगह एकाकी मार्ग (वन वे) बनाए गए हैं लेकिन अधिकांश वन-वे पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है। पत्रिका टीम दोपहर 1.30 बजे छप्पलवाला पुल पहुंची। वहां बेरीकेड्स लगे दिखे लेकिन कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। दोपहिया हो या चार पहिया वाहन चालक बेधडक़ नियमों को तोड़ते हुए फालका बाजार की तरफ जा रहे थे। इस बीच कुछ वाहन चालक टकराने से भी बचे जबकि यह रोड पर फालका बाजार से छप्परवाला पुल की तरफ तक एकाकी मार्ग है।

पुलिसकर्मी मौजूद फिर भी टूट रहे थे नियम

नदीगेट चौराहा, दोपहर करीब 1 बजे एएसआइ एक कौने में खड़े हुए थे। इस बीच वाहन चालक रेड सिग्नल में भी बेधडक़ वाहन निकाल कर ले जा रहे थे लेकिन एएसआइ एक ऑटो चालक को रोककर उसे बहस करने में व्यस्त थे। जिसकी जैसी मर्जी वह वैसे वाहन निकालकर ले जा रहा था। इस कारण कई बार जाम भी लगा।

गुम हो गई ट्रैफिक हेल्पलाइन सेवा

जाम लगने की स्थिति में उसे खुलवाने ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर 1073 की शुरुआत की गई थी। यहां कॉल लगाने पर तुरंत बाइक सवार ट्रैफिक कर्मी मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाते थे। जब संतोष सिंह एसपी थे इस सेवा पर जोरदार काम भी हुआ लेकिन अब यह सेवा गुम हो चुकी है। अब यहां फोन लगाने पर उठता ही नहीं है।

जीरो टॉलरेंस चौराहा पर नियमों की धज्जियां

शहर के कुछ तिराहा-चौराहा को जीरो टॉलरेंस बनाए गए थे। यहां ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन होना था। कुछ महीने तो कड़ाई से नियम चले भी लेकिन जैसे ही अधिकारी बदलते रहे वैसे-वैसे जीरो टॉलरेंस चौराहा भी गुम हो गए। अब स्थिति यह है कि कई ट्रैफिक कर्मियों को इन जीरो टॉलरेंस के बारे में पता भी नहीं है।
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