51 प्रतिशत बच्चों को वेट गेन करने के बाद डिस्चार्ज किया गया है, लेकिन 7 हजार 975 बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है। इन बच्चों का वजन नहीं बढ़ सका है। सबसे अचरज वाली बात यह है कि यह बच्चे किस हाल में हैं, स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी भी मुकम्मल जानकारी नहीं है।
प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ग्वालियर जिले में भी स्थिति अच्छी नहीं है। यहां 182 कुपोषित बच्चे एनआरसी में भर्ती किए गए थे, जिनमें से 104 बच्चे ही टारगेट वेट गेन कर पाए हैं। यहां 57 प्रतिशत बच्चों को डिस्चार्ज किया गया है। यह हकीकत संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के हेल्थ बुलेटिन में सामने आई है। यह रिपोर्ट कुपोषित बच्चों को लेकर किए जा रहे सरकारी दावों की पोल खोल रही है।
लापरवाही…अन्य जिलों में भी बुरा हाल
प्रदेश के अन्य जिलों देवास में 301 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 61 बच्चे टारगेट वेट गेन कर पाए। जबलपुर में 554 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 192 बच्चे टारगेट वेट गेन कर पाए। भोपाल में 339 बच्चों में से 140 टारगेट वेट गेन कर पाए। उल्लेखनीय है कि शासन कुपोषण दूर करने के लिए तमाम योजनाएं चला रहा है, बावजूद इसके कुपोषण को लेकर यह आंकड़े विभागीय अधिकारियों की लापरवाही उजागर करते हैं।
प्रदेश के अन्य जिलों देवास में 301 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 61 बच्चे टारगेट वेट गेन कर पाए। जबलपुर में 554 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 192 बच्चे टारगेट वेट गेन कर पाए। भोपाल में 339 बच्चों में से 140 टारगेट वेट गेन कर पाए। उल्लेखनीय है कि शासन कुपोषण दूर करने के लिए तमाम योजनाएं चला रहा है, बावजूद इसके कुपोषण को लेकर यह आंकड़े विभागीय अधिकारियों की लापरवाही उजागर करते हैं।
फैक्ट फाइलकुल
जिले: 51
एनआरसी में भर्ती बच्चे: 16,135
टारगेट वेट गेन: 8,160
टारगेट वेट गेन के बाद डिस्चार्ज: 51 प्रतिशत
7,975: बच्चे किस हाल में पता नहीं
टारगेट वेट गेन करने पर कर देते हैं डिस्चार्ज
पोषण पुनर्वास केन्द्र पर बच्चों को 14 दिन भर्ती रखा जाता है। टारगेट वेट गेन करने वाले बच्चे डिस्चार्ज कर दिए जाते हैं। केन्द्र पर भर्ती रहने के दौरान बच्चों को नियमानुसार पोषण आहार डायटिशियन की निगरानी में दिया जाता है।
डॉ.एमके सक्सेना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
जिले: 51
एनआरसी में भर्ती बच्चे: 16,135
टारगेट वेट गेन: 8,160
टारगेट वेट गेन के बाद डिस्चार्ज: 51 प्रतिशत
7,975: बच्चे किस हाल में पता नहीं
टारगेट वेट गेन करने पर कर देते हैं डिस्चार्ज
पोषण पुनर्वास केन्द्र पर बच्चों को 14 दिन भर्ती रखा जाता है। टारगेट वेट गेन करने वाले बच्चे डिस्चार्ज कर दिए जाते हैं। केन्द्र पर भर्ती रहने के दौरान बच्चों को नियमानुसार पोषण आहार डायटिशियन की निगरानी में दिया जाता है।
डॉ.एमके सक्सेना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी