जिन क्षेत्रों की वास्तविक कीमत और गाइडलाइन की दरों में असमानता थी, वहां इनकम टैक्स संबंधी परेशानी ज्यादा आती थीं। वहां अब दर कम हो जाएगी। प्लॉट, फ्लैट और कृषि भूमि तीनों स्लैब में राहत मिलेगी। अभी तक प्रावधान था कि गाइडलाइन से कम दर में भूमि नहीं खरीद सकते हैं, इसलिए लोगों को कम दर में खरीद करने पर भी इनकम टैक्स पूरा देना पड़ता था। स्टांप ड्यूटी 2.1 प्रतिशत बढ़ाए जाने से शासन को राजस्व की क्षति नहीं होगी।
तेजी से विकसित हो रहे कुछ प्रमुख क्षेत्र
यहां होगा ज्यादा फायदा पुरानी दरें नई दरें
सिरोल 11000 8800(आवासीय )
डोंगरपुर 12000 9600(आवासीय )
खुरैरी 1.20 करोड़ 96 लाख रुपए (कृषि भूमि प्रति है.)
कैलाश नगर 20000 16000(आवासीय)
बाजारों में भी फायदा
फूलबाग मैन रोड दीनदयाल मॉल की गाइडलाइन दर 1.8 लाख हजार रुपए प्रति वर्गमीटर थी, इसलिए इसके दूसरे और तीसरे मंजिल पर संपत्ति खरीदार नहीं मिलते थे, लेकिन अब यह संपत्ति बिक सकेगी।
मुरार के सभी संतर में लगभग 30 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर है, नए स्लैब लागू होने से यहां की कमर्शियल और आवासीय दोनों ही संपत्तियों में लगभग 6 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की कमी आ जाएगी।
पारिवारिक विभाजन में पहले स्टांप ड्यूटी 2.5 प्रतिशत थी, वह अब 0.5 प्रतिशत रह जाएगी।
पारिवारिक दानपत्र में पहले मुद्रांक शुल्क 2.5 प्रतिशत के साथ 0.5 प्रतिशत रहेगा, लेकिन नगर निगम एवं अन्य कर पूर्व की तरह रहेंगे।
अगर कोई व्यक्ति अपनी बेटी, पत्नी और पुत्रवधू को संपत्ति में सह स्वामी बनाता है, इसमें पहले 2.00 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी थी, अब यह केवल 1 हजार रुपए फिक्स हो जाएगी।
निर्माण की आयु के आधार पर छूट 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है, इसे ऐसे समझें कि अगर बिल्डिंग पुरानी है तो उस पर उतना मुद्रांक शुल्क कम लगेगा।
अगर फाइनेंस के लिए गाइडलाइन दर से ज्यादा दर पर रजिस्ट्री कराई जाएगी तो गाइडलाइन की कीमत और वास्तविक लेनदेन के अंतर की कीमत पर सिर्फ 1.5 प्रतिशत शुल्क लगेगा।