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वर्तमान में दुनिया में कोरोना के खिलाफ 9 तरह के टीके उपलब्ध है। सबका उपयोग एवं असर अलग-अलग है, लेकिन भारतीय टीका कई मानकों में बेहतर है, इसलिए भारतीय टीके को अवश्य लगवा लें। विदेशी टीके का इंतजार न करें। यह बात कोविड-19 के टीकाकरण मामलों के विशेषज्ञ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सेफ्टी नेट ग्रुप के सदस्य रह चुके डॉ. विपिन वशिष्ठ ने ग्वालियर एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स संगोष्ठी में कही।
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ग्वालियर मेडिकल कॉलेज छात्र डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा, कोई भी महामारी हमेशा नहीं रहती, उसे कभी न कभी खत्म होना ही है। मरीज को स्टोरॉइड का प्रयोग कब शुरू करना और कहां रोकना, इसकी पूरी मॉनिटरिंग होना चाहिए। शिशु मनोविज्ञानी चिकित्सक डॉ. स्वाति घाटे ने कहा, कोरोना की तीसरी लहर से यदि बच्चे प्रभावित होते है तो पालकों को अभी से सजग हो जाना चाहिए। बेहतर होगा कि पालक किसी भी तरह के नए लक्षण नजर आने पर अपने शिशु रोग विशेषज्ञ के संपर्क में रहें। मुंबई के शिशु रोग विशेषज्ञ और आईएपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बकुल पारेख ने कहा कि तीसरी लहर में कोरोना की ताकत बढ़ सकती है। बच्चों में कोविड की बीमारी प्राय: जानलेवा नहीं होती, लेकिन पालकों को पूरा ध्यान रखना होगा।