दरअसल तहसीलदार कुलदीप दुबे व नायब तहसीलदार डॉ. मधुलिका सिंह तोमर की अगुवाई में करीब 6 घंटे तक जारी रही इस कार्रवाई में 15 करोड़ 80 लाख रुपए की 13 बीघा सरकारी जमीन भी भू माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई है।
सरकारी जमीन पर मुरार निवासी तीन लोगों ने कॉलोनी बसाना शुरु कर दिया था। जिसके बाद एंटी माफिया अभियान के अंतर्गत हुई इस कार्रवाई के दौरान राजनीतिक दबाव की कोशिश भी हुई, लेकिन तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने कार्रवाई शुरु होने के बाद से ही अपने अपने फोन स्विच आॅफ कर लिए और शाम को करीब 6:30 बजे कार्रवाई पूरी होने के बाद फोन चालू किए।
वहीं वे इस दौरान दूसरे फोन से अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करते रहे। इस पूरे मामले में सबसे खास बात ये रही कि कॉलोनाइजर्स ने निजी भूमि के सर्वे नंबर पर लोगों को रजिस्ट्री कर दी और पास ही मौजूद सरकारी जमीन में भी पजेशन देते रहे।
इसके अलावा लश्कर में 75 लाख रुपए बाजार मूल्य की 12500 वर्गफीट जमीन से एसडीएम अनिल बनवारिया और तहसीलदार शारदा पाठक ने कब्जा हटवाया। जबकि झांसी रोड एसडीएम सीबी प्रसाद ने चेतकपुरी गेट के पास अवैध तरीके से कब्जाई गई 500 वर्गफीट भूमि पर बनाई बाउंड्री को तुड़वाकर सरकारी जमीन छुड़वाई।
जेसीबी से तोड़े निर्माण
अवैध तरीके से बसाई जा रहीं इन कॉलोनियों में जिला पंचायत अध्यक्ष पति ने बिजली के खंबे लगवा दिए थे। मुरम की सड़क डलवा दी थी। वहीं कुछ जगह पर आरसीसी की सड़क भी बना दी थी। कॉलोनाइजर्स ने अवैध कॉलोनियों में सीवर चैंबर भी बनावाए थे। कॉलोनियों में करीब 400 भूखंड बिक चुके हैं। प्लॉट खरीदने वाले लोगों ने बुनियाद भरवा ली थी।
यह सब निर्माण नगर निगम के मदाखलत अमले के द्वारा जेसीबी से तोड़ा गया। कार्रवाई में नगर निगम के सिटी पलानर सुरेश अहिरवार, बीके त्यागी, भवन अधिकारी राजीव सोनी,पवन शर्मा, उत्पल भदौरिया,मदाखलत अधिकारी शैलेंद्र सिंह, सतेंद्र सिंह सहित पुलिस भी मौजूद रही।
एक घंटे तक बजते रहे थे फोन
बड़ागांव में कार्रवाई की शुरुआत के साथ ही यहां मौजूद तहसीलदार कुलदीप दुबे,नायब तहसीलदार डॉ. मधुलिका सिंह तोमर के फोन बजने शुरु हो गए थे। इस दौरान अधिकारियों ने सिर्फ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के कॉल रिसीव किए।
मौके पर पहुंचे कुछ लोगों ने कॉलोनी को वैध बताकर रोकने की कोशिश भी की , लेकिन जब दस्तावेज और अनुमतियां मांगी गईं तो सभी ने चुप्पी साध ली।
नायब तहसीलदार तोमर पूरी कार्रवाई कराने के बाद ही मौके से हटीं। इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों पर भी कुछ फोन पहुंचे, लेकिन अधिकारियों ने तहसीलदार और नायब तहसीलदार से बात कराने की कहकर फोन काट दिए।
बड़ागांव क्षेत्र में 35 बीघा भूमि पर बस रही अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की गई है। इसमें भुजबल यादव द्वारा भी निजी भूमि पर बिना अनुमति बसाहट की जा रही थी, जबकि 13 बीघा शासकीय भूमि भी मुक्त कराई गई है। इस भूमि पर भी अवैध कॉलोनी बसाई जा रही थी। मुक्त कराई गई शासकीय भूमि पर का बातार मूल्य 15 करोड़ 80 लाख रुपएसे भी अधिक है।
- कुलदीप दुबे, तहसीलदार मुरार
गिरवाई क्षेत्र में 12 हजार 500 वर्गफीट शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है। इस भूमि पर स्थानीय लोगों ने कब्जा करके मकान, बाउंड़ी और भैंसों का बेला बना लिया थ। इस शासकीय भूमि का बाजार मूल्य 75 लाख रुपए है।
- अनिल बनवारिया, एसडीएम लश्कर
चेतकपुरी गेट के पास ही पुरानी बाउंड़ी के सामने ही 800 वर्गफीट भूमि को कब्जाने के लिए बाउंड्री और अस्थई निर्माण कर लिया गया था। इसकी शिकायत आई थी, जांच के बाद इसको तोड़ दिया गया। भूमि का बाजार मूल्य करीब 1 करोड़ रुपए है।
- सीबी प्रसाद, एसडीएम झांसी रोड