कोरोना संक्रमण काल के चलते पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से बाजारों में मंदी का माहौल छाया हुआ है। अब लगातार त्योहारों के आने से बाजारों में बिक्री में खासी बढ़ोतरी होगी। इसके लिए अलग-अलग सेक्टर के कारोबारियों ने पर्याप्त स्टॉक भी मंगाया है। सभी को उम्मीद है कि कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई आने वाले दिनों में हो जाएगी।
– शहर में मासिक खुदरा कारोबार करीब 1250 करोड़।
– शहर में सालाना खुदरा कारोबार लगभग 15 हजार करोड़। तभी होगी अर्थव्यवस्था मजबूत
मुरार गल्र्स कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो.केके श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में तबाह हुई ग्वालियर की अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज की जरूरत है। इसके लिए स्थानीय बाजार में रुपया पहुंचना बहुत जरूरी है। ऑनलाइन खरीदी न करते हुए लोगों को त्योहारी सीजन में छोटे और स्थानीय कारोबारियों से खरीदी करनी चाहिए। इससे शहर की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। जो रोजगार और व्यापार दोनों को ही बढ़ावा देगा। स्थानीय अर्थव्यवस्था में रुपए का प्रवाह जरूरी है। ऑनलाइन खरीदी में ये रुपया बाहर जाता है, जबकि यहां के कारोबारियों से खरीदी पर ये रुपया यहां के अर्थ प्रवाह को मजबूत करेगा।
वैक्सीनेशन के बाद काफी सुधार आया है। कोविड ने शहर के बाजारों को खासा प्रभावित किया है। खुदरा बाजारों को बढ़ावा देने के लिए हमें एक-दूसरे को प्रचारित करना चाहिए। ऑनलाइन शॉपिंग कम से कम करते हुए इन बाजारों की ओर ही जाना चाहिए। वैसे भी खुदरा कारोबारियों के साथ ग्राहक का एक अलग ही रिश्ता होता है। आमजन को प्रेरित करने के लिए चैंबर अभियान चलाएगा। कारोबारियों ने कोविड की गाइडलाइन का पालन करने के लिए दुकानों में भी बदलाव किए हैं।
– डॉ.प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
कैट अभियान चलाएगा कि लोग अपने शहर के नजदीकी दुकानदार से ही सामान खरीदे। इसके लिए होर्डिंग लगाने के साथ-साथ प्रचार-प्रसार करेंगे। इस अभियान को 15 सितंबर से शुरू करेंगे और दीपावली के बाद 15 दिसंबर तक चलाएंगे। कैट के सदस्यों और अन्य व्यापारिक संगठनों के सदस्यों और उनके परिजनों को भी प्रेरित करेंगे कि इ-कॉमर्स कंपनियों से ऑनलाइन सामान न मंगाते हुए एक त्योहार अपनों के साथ ही मनाने की मुहिम चलाएंगे क्योंकि इन स्थानीय दुकानदारों के साथ हमारा पीढिय़ों का रिश्ता भी है।
– भूपेन्द्र जैन, प्रदेशाध्यक्ष, कैट