scriptअब आसानी से नहीं खोल सकेंगे फर्जी कंपनी | Now fake company will not be able to open easily | Patrika News

अब आसानी से नहीं खोल सकेंगे फर्जी कंपनी

locationग्वालियरPublished: Sep 06, 2021 09:07:37 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– शेल या फर्जी कंपनियों पर शिकंजा कसने जीएसटी (माल एवं सेवा कर) विभाग ने बनाया नया नियम- कंपनी के रजिस्टर्ड कार्यालय के नाम और पते का फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे जीएसटी के अधिकारी, ऑन स्पॉट होगी जियो-टैगिंग

अब आसानी से नहीं खोल सकेंगे फर्जी कंपनी

अब आसानी से नहीं खोल सकेंगे फर्जी कंपनी

ग्वालियर. ऐसे करदाता जो अभी तक शेल या फर्जी कंपनी बनाकर टैक्स की चोरी कर लेते थे, उन पर शिकंजा कसने के लिए जीएसटी (माल एवं सेवा कर) ने नया नियम बनाया है। पब्लिक या प्राइवेट लिमिटेड समेत दूसरी सभी तरह की निजी कंपनियों पर ये नियम सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत कंपनी के रजिस्टर्ड कार्यालय के नाम और पते का फिजिकल वेरिफिकेशन जीएसटी के अधिकारी खुद ही करेंगे। साथ ही कंपनी के स्थान पर पहुंच कर उसके कार्यालय और इस पर लगे बोर्ड की फोटो खींचेंगे और ऑन स्पॉट इन सभी फोटोग्राफ को जिओ-टैगिंग के साथ जोड़ते हुए इसे सेव करेंगे। इस नई प्रक्रिया में पूर्व में बन चुकी कंपनी को भी शामिल किया जाएगा।
तो सही लोकेशन भी होगी दर्ज
कंपनी के कार्यालय की फोटोग्राफी करते समय गूगल लोकेशन को ऑन करना होगा, जिससे कंपनी के नाम-पते के साथ एकदम सही लोकेशन भी दर्ज हो जाए, जिओ-टैग वाले इन फोटोग्राफ को भी कंपनी के प्रोफाइल के साथ लगाया जाएगा और वह जीएसटी के पास कंपनी के अन्य दस्तावेजों के साथ ही जमा रहेंगे।
टैक्स चोरी पर लगेगी लगाम
जीएसटी विभाग के इस नए नियम से गलत नाम-पते या एक ही पते-ठिकाने पर अलग-अलग नामों से दर्जनों फर्जी कंपनियां खोलने के सिलसिले पर लगाम लग सकती है। साथ ही फर्जी कंपनी खोल कर कई तरीकों से जीएसटी की चोरी करने की प्रवृत्ति में भी काफी हद तक कमी आएगी। प्रदेश सहित दूसरे प्रदेशों में बड़ी संख्या में शेल कंपनी बनाकर टैक्स चोरी करने या इन कंपनियों के नाम पर इ-वे बिल जनरेट करने के काफी मामले सामने आ चुके हैं।
पूर्व में बन चुकी कंपनियां भी होंगी शामिल
जीएसटी विभाग की ओर से शेल या फर्जी कंपनी बनाकर टैक्स की चोरी करने वालों पर लगाम कसने के लिए ही इस नए नियम को लागू किया गया है। इस प्रक्रिया को काफी पहले ही शुरू कर देना चाहिए था, पहले से बनी हुई कंपनियों का भी इसमें वेरिफिकेशन किया जा सकेगा। इससे फ्रॉड पर रोक लगने की संभावना है।
– अभिषेक गुप्ता, सीए
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