एप के जरिए खाना मंगाने पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाया गया है। अभी ये एप टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स के रूप में काम करते हैं। जब कोई व्यक्ति एप से खाना आर्डर करता है तो रेस्तरां ग्राहक से जीएसटी वसूल कर उसका भुगतान करता है। हालांकि कई रेस्तरां जीएसटी का भुगतान नहीं कर रहे थे। अब सरकार के नए नियम के मुताबिक फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियां डिलीवरी के समय टैक्स लेंगी और सरकार को उसका भुगतान करेंगी।
अभी तक फूड डिलीवरी के लिए 18 फीसदी सर्विस चार्ज के रूप में दे रहे थे। अब 5 फीसदी जीएसटी का नया नियम सरकार ने लागू किया है। फिलहाल इसके बारे में अपडेट नहीं आया है, जैसा भी होगा नियम के मुताबिक भुगतान किया जाएगा।
– राजू अरोरा, रेस्टॉरेंट संचालक
अभी तक फूड डिलीवरी वालों को 18 फीसदी जीएसटी दे रहे हैं। बाकी अब नया नियम 5 फीसदी जीएसटी का बताया जा रहा है। इसी के हिसाब से फूड डिलीवरी वालों को दिया जाएगा। ये कब से लागू होना है इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं है।
– पीयूष चोपड़ा, रेस्टॉरेंट संचालक
रेस्टॉरेंट संचालकों से 18 फीसदी जीएसटी सर्विस चार्ज के रूप में ले रहे थे। पर अब 5 फीसदी जीएसटी लेना है। इसे किस तरह से लिया जाना है, इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं है। अभी तो हम 18 फीसदी सर्विस चार्ज ही ले रहे हैं।
– मयंक सिंह चौहान, टीम लीडर, जोमाटो
अभी तक छोटे रेस्तरां संचालक जीएसटी के दायरे से बाहर रहते थे। अब वे भी इसके दायरे में आ जाएंगे, पर इससे फूड की कीमत बढ़ जाएगी और आमजन की जेब हल्की होगी। इसके साथ ही रेस्तरां संचालक को ऑनलाइन फूड डिलीवरी की जानकारी के लिए अलग से किताब भी रखनी पड़ेगी।
– अभिषेक गुप्ता, सीए