scriptअब जिम्मेदारों की वजह से ‘कचरा’ | Now 'garbage' due to responsibilities | Patrika News

अब जिम्मेदारों की वजह से ‘कचरा’

locationग्वालियरPublished: Oct 17, 2020 06:44:55 pm

शहर में ध्वस्त हुई सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है, अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर बच रहे हैं। घरों से कचरा कलेक्शन नहीं होने से लोग परेशान…

cms-1

अब जिम्मेदारों की वजह से ‘कचरा’

ग्वालियर. शहर में ध्वस्त हुई सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है, अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर बच रहे हैं। घरों से कचरा कलेक्शन नहीं होने से लोग परेशान हैं। निगम और ईको ग्रीन कंपनी के बीच जनता फुटबॉल बनकर रह गई है। निगम अधिकारियों की कंपनी पर मेहरबानी ही है कि लगातार अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि कलेक्टर के कंपनी पर एफआइआर के निर्देश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शहर में ईको ग्रीन कंपनी ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन शुरू नहीं किया। नगर निगम ने भी अभी तक पूरी व्यवस्था नहीं संभाली है। 15 दिन से अधिक समय से ईको ग्रीन कार्य नहीं कर रही है, लेकिन निगम ने कंपनी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। निगम के जिम्मेदार अधिकारी ईको ग्रीन कंपनी को बचाने में जुटे हैं। यही कारण है कि किसी तरह से मामले में टालमटोल कर रहे हैं।

नोटिस के 7 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
ईको ग्रीन कंपनी ने पूरा ऑपरेशन बंद कर दिया है। इसको लेकर निगम ने 9 अक्टूबर को नोटिस जारी कर 24 घंटे में कंपनी को कार्य करने के निर्देश दिए। ऐसा नहीं करने पर टेंडर निरस्त करने की चेतावनी दी, लेकिन यह सिर्फ दिखावा साबित हुआ और 7 दिन बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

निगम के पाले में गेंद
निगमायुक्त संदीप माकिन ने कंपनी पर कार्रवाई खुद न करते हुए मामले में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को पत्र भेजकर एस्मा लगाने के लिए कहा, लेकिन यह मामला तब उल्टा पड़ गया जब कलेक्टर ने निगम को कंपनी पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। अब प्रशासन ने कार्रवाई के लिए गेंद निगम के पाले में डाल दी है।

प्रशासक और निगमायुक्त के बीच फंसा मामला
ईको ग्रीन कंपनी पर कार्रवाई का मामला निगमायुक्त संदीप माकिन और प्रशासक आशीष सक्सेना के बीच फंसा हुआ है। निगमायुक्त कंपनी पर कार्रवाई प्रशासक द्वारा किए जाने की बात करते हैं तो वहीं प्रशासक इस मामले में पूरी तरह से जिम्मेदारी नगर निगम आयुक्त पर डाल देते हैं। प्रशासक के अनुसार कार्रवाई के लिए उनके पास कोई प्रस्ताव पेंडिंग नहीं है। ऐसे में यह समझ से परे हैं कि निगमायुक्त कंपनी पर कार्रवाई नहीं करना चाहते या फिर प्रशासक। हालांकि प्रशासक ने मामले में वैज्ञानिक सलाह लेकर कार्रवाई करने की बात कही है।

सीधी बात
आशीष सक्सेना, प्रशासक, नगर निगम से सीधी बात
सवाल: शहर की सफाई व्यवस्था कब ढर्रे पर आएगी?
जवाब: हम प्रयास कर रहे है जल्द ही इसे सुधारा जाएगा।
सवाल: कंपनी पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
जवाब: इसको लेकर हम वैधानिक राय ले रहे हैं और जो भी उचित होगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सवाल: कंपनी पर कार्रवाई या फिर व्यवस्था सुधारने में कितना समय लगेगा?
जवाब: मैं यह नहीं बता सकता कि कितना समय लगेगा, फिलहाल यही कह सकता हूं कि हम प्रयास कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो