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अब बगैर आइएसआइ मार्का वाले खिलौने बेचे तो होगी छापामार कार्रवाई

locationग्वालियरPublished: Jan 24, 2022 10:25:37 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– भारतीय मानक ब्यूरो अब प्रदेश भर में करेगा और औचक कार्रवाई- साल भर जागरूकता अभियान चला चुका बीआइएस

अब बगैर आइएसआइ मार्का वाले खिलौने बेचे तो होगी छापामार कार्रवाई

अब बगैर आइएसआइ मार्का वाले खिलौने बेचे तो होगी छापामार कार्रवाई

ग्वालियर. अब बिना आइएसआइ मार्का (बीआइएस का मानक चिन्ह) के खिलौने नहीं बिक सकेंगे। अन्य बिक्री पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआइ) कार्रवाई करेगा। इसकी शुरूआत प्रदेश के भोपाल से की जा चुकी है और आगे दूसरे शहरों में भी औचक निरीक्षण कर छापामार कार्रवाई की जाएगी। इससे चाइना मेड खिलौनों पर काफी हद तक प्रतिबंध लग सकेगा क्योंकि अधिकांश जगहों पर ऐसे खिलौनों की ही बिक्री की जाती है। इसके लिए बीआइएस ने गत वर्ष देश भर में जागरूकता अभियान भी चलाया था। ग्वालियर में आइएसआइ मार्का खिलौने अभी 50 फीसदी ही बिकते हैं।
फैक्ट फाइल
– ग्वालियर शहर में थोक खिलौना बेचने वाले 10 दुकानदार हैं, वहीं फुटकर की 250 दुकानें हैं।
– यहां अधिकांश खिलौने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद से आते हैं।
– एक दिन में थोक बाजार में 5 लाख रुपए के खिलौने और फुटकर बाजार में करीब 10 लाख रुपए के बिक जाते हैं।
खिलौनों पर इसलिए की जा रही कड़ाई
खिलौने किस पदार्थ से बने हैं, क्या केमिकल डाला गया है, इसकी जानकारी नहीं रहती। बच्चे खिलौनों को मुंह में डाल लेते हैं, कुछ खिलौने विषाक्त भी होते हैं। वहीं कुछ खिलौने नुकीले होते हैं, जिससे बच्चों के हाथ-पैर कट जाते हैं। आइएसआइ मानक वाले खिलौनों से ऐसे खतरों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
क्या है नियम
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से एक जनवरी 2021 से 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के खेेलने के लिए बनाई गई वस्तुओं यानी खिलौनों पर आइएसआइ मार्क अनिवार्य किया गया है, जिसके चलते कोई भी व्यक्ति बिना आइएसआइ मार्क के खिलौने ना तो बना सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें संग्रहित भी नहीं करके रख सकते हैं। यदि कोई भी उत्पादक, विक्रेता नियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो उनके विरूद्ध बीआइएस अधिनियम, 2016 की धारा 16(1) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। नियमों के तहत दो साल तक का कारावास अथवा दो लाख का अर्थदंड अथवा दोनों की सजा हो सकती है।
ऐसे मिलेगा लाइसेंस
बीआइएस के अधिकारियों के मुताबिक बीआइएस के आइएसआइ मार्क का उपयोग करने के लिए बीआइएस से पूर्व मंजूरी लेनी जरूरी है। निर्माताओं को भारतीय मानक ब्यूरो से लाइसेंस प्राप्त करना होता है, जिसे बीआइएस केयर एप से सत्यापित किया जा सकता है। बिना वैध बीआइएस लाइसेंस लिए मानक मार्क को उपयोग करना तथा अनिवार्य प्रमाणन में आने वाले उत्पादों को बिना बीआइएस मानक चिन्ह के बनाना, स्टोर करना और बिक्री करना अपराध है।
खिलौनों पर इसलिए की जा रही कड़ाई
खिलौने किस पदार्थ से बने हैं, क्या केमिकल डाला गया है, इसकी जानकारी नहीं रहती। बच्चे खिलौनों को मुंह में डाल लेते हैं, कुछ खिलौने विषाक्त भी होते हैं। वहीं कुछ खिलौने नुकीले होते हैं, जिससे बच्चों के हाथ-पैर कट जाते हैं। आइएसआइ मानक वाले खिलौनों से ऐसे खतरों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
प्रदेश भर में करेंगे औचक कार्रवाई
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक लकड़ी या मिट्टी यानी हस्तशिल्प खिलौनों को छोडक़र बाकी सभी तरह के खिलौने में बीआइएस का आइएसआइ मार्का अनिवार्य कर दिया गया है। मध्यप्रदेश में इसके लिए भोपाल से कार्रवाई की शुरूआत कर दी गइ है, आगे सभी शहरों में औचक कार्रवाई जारी रहेगी।
– रमन कुमार त्रिवेदी, साइंटिस्ट, भारतीय मानक ब्यूरो
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