एमएलबी कॉलेज 1992 से 2002 तक स्वशासी था। फिर स्वशासी किए जाने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने करीब एक साल पहले यूजीसी को प्रस्ताव भेजा था। इस सत्र में यूजी प्रथम वर्ष के बीए, बीकॉम, बीबीए और बी.लिब में स्वशासी की शुरुआत होगी। इन कोर्सों की परीक्षाएं कॉलेज कराएगा, परिणाम भी कॉलेज निकालेगा, इसके अलावा जरूरत पड़ी तो पाठ्यक्रम में परिवर्तन भी किया जाएगा। इसके लिए गवर्निंग बॉडी बनानी होगी।
5000 छात्र पढ़ते हैं एमएलबी कॉलेज में 5000 छात्र अध्ययनरत हैं। इनमें 1500 छात्र यूजी प्रथम वर्ष में हैं। इन छात्रों के लिए स्वशासी इस साल शुरू कर दी जाएगी। इन छात्रों की परीक्षाएं कराने और परिणाम घोषित करने का काम कॉलेज द्वारा किया जाएगा। एमएलबी कॉलेज की बिल्डिंग उच्च शिक्षा के लिए तैयार करवाई गई थी, जिसका पूर्व में नाम विक्टोरिया कॉलेज रखा गया था। यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी पढ़ चुके हैं। इस बिल्डिंग को तैयार करने में सेंड स्टोन ब्रिक्स का उपयोग किया गया था, जो आज तक वैसा का वैसा ही है। इसका डिजाइन आर्किटेक्ट ब्रिटिश सर जॉन ने तैयार किया था, जिसे स्व.माधौराव सिंधिया ने खास तौर से बुलवाया था।
एक साल पूर्व एमएलबी कॉलेज को स्वशासी (ऑटोनोमी) किए जाने के लिए यूजीसी को प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर कॉलेज को स्वशासी का दर्जा दिया गया है। अभी इस सत्र में यूजी प्रथम वर्ष के बीए, बीकॉम, बीबीए और बी.लिब के लिए स्वशासी की शुरुआत की जाएगी। इन कोर्सों की परीक्षाएं कॉलेज कराएगा व परिणाम भी घोषित करेगा।
प्रो.केएस राठौर, प्राचार्य, एमएलबी कॉलेज