दस हजार से अधिक चेरिटेबल संस्थाएं
जानकारों के मुताबिक प्रदेश में करीब 10 हजार चेरिटेबल संस्थाएं हैं, जो धार्मिक व गैर धार्मिक संस्था के रूप में कार्य कर रही हैं। इनका आयकर में पंजीयन है लेकिन अभी भी सैकड़ों संस्थाएं व धार्मिक संस्थाएं बिना पंजीयन के संचालित हो रही हैं। इन संस्थाओं को ही पंजीयन कराना होगा। करोड़ों का टर्नओवर होने के बाद भी बहुत से धार्मिक व चेरिटेबल ट्रस्ट सरकार से अपनी आय छिपाकर रखते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपने नियमों के बदलाव करते हुए धार्मिक व धर्मार्थ संस्थाओं को भी आयकर में पंजीयन कराना अनिवार्य किया है।
जानकारों के मुताबिक प्रदेश में करीब 10 हजार चेरिटेबल संस्थाएं हैं, जो धार्मिक व गैर धार्मिक संस्था के रूप में कार्य कर रही हैं। इनका आयकर में पंजीयन है लेकिन अभी भी सैकड़ों संस्थाएं व धार्मिक संस्थाएं बिना पंजीयन के संचालित हो रही हैं। इन संस्थाओं को ही पंजीयन कराना होगा। करोड़ों का टर्नओवर होने के बाद भी बहुत से धार्मिक व चेरिटेबल ट्रस्ट सरकार से अपनी आय छिपाकर रखते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपने नियमों के बदलाव करते हुए धार्मिक व धर्मार्थ संस्थाओं को भी आयकर में पंजीयन कराना अनिवार्य किया है।
धारा 12ए : यदि कोई ट्रस्ट, एनजीओ, सोसायटी इस धारा में रजिस्टर्ड होती है तो उसकी किसी भी आय पर कोई कर नहीं लगता। आय कर मुक्त होती है। धारा 80जी : इस धारा में रजिस्ट्रेशन होने के पश्चात संस्था को कोई भी दान देने पर दानदाता को आयकर नियमों के तहत उक्त दान पर छूट प्राप्त होती है।
इ-फाइलिंग पोर्टल….ऐसे करें रजिस्ट्रेशन अपडेट
आयकर विभाग के इ-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन कर ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। यदि नए ट्रस्ट-एनजीओ-सोसायटी जो कि पहली बार रजिस्टर होना चाहते हैं उन्हें विभाग प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करेगा जो कि जारी होने से तीन वर्षों तक वैध रहेगा। दानदाताओं को सर्टिफिकेट ऑफ डोनेेशन भी संस्था से मिलेगा।
आयकर विभाग के इ-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन कर ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। यदि नए ट्रस्ट-एनजीओ-सोसायटी जो कि पहली बार रजिस्टर होना चाहते हैं उन्हें विभाग प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करेगा जो कि जारी होने से तीन वर्षों तक वैध रहेगा। दानदाताओं को सर्टिफिकेट ऑफ डोनेेशन भी संस्था से मिलेगा।
बड़ी राहत मिली है
धार्मिक संस्थानों और एनजीओ को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें आयकर में पंजीयन कराने के लिए 31 अगस्त तक की छूट है। पहले ये तारीख 31 अगस्त थी, पर आयकर विभाग का नया पोर्टल ठीक से काम नहीं करने के कारण अब इसे 31 मार्च 2022 कर दिया गया है। इससे ऐसी संस्थाओं की परेशानी कम हो जाएगी।
– नितिन पहारिया, सीए
धार्मिक संस्थानों और एनजीओ को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें आयकर में पंजीयन कराने के लिए 31 अगस्त तक की छूट है। पहले ये तारीख 31 अगस्त थी, पर आयकर विभाग का नया पोर्टल ठीक से काम नहीं करने के कारण अब इसे 31 मार्च 2022 कर दिया गया है। इससे ऐसी संस्थाओं की परेशानी कम हो जाएगी।
– नितिन पहारिया, सीए